देश

हरियाली अमावस्या पर काशी, महाकाल की तर्ज पर जयपुर में हुए अनुष्ठान

जयपुर । जयपुर में महामृत्युजंय मंत्र के जाप के बीच डमरू और शंख की ध्वनि की गूंज, बम-बम भोले और हर-हर महादेव का गगनभेदी जयघोष। कपड़े में भस्म लपेट कर उसे शिवलिंग पर बिखेरते विद्वान और आरती के दौरान गूंजती घंटियों की आवाज। हरियाली अमावस्या पर राजधानी जयपुर में विभिन्न जगहों पर महाकाल (उज्जैन) और काशी की तर्ज पर हुए अनुष्ठानों में ऐसा ही नजारा देखने को मिला। देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों की मिट्टी और जल से तैयार किए गए पार्थिव शिवलिंगों का पूजन कर श्रद्धालुओं ने देश में समृद्धि की कामना की। इस दौरान रूद्र पाठ भी हुआ।

शिव महापुराण कथा समिति की ओर से सीकर रोड पर सामूहिक पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं महारुद्राभिषेक कार्यक्रम हुआ। महामंत्री अरुण खटोड़ ने बताया कि उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने समिति की स्मारिका शिवार्चना का विमोचन भी किया। संयोजक मनोज पंसारी व स्वागताध्यक्ष किशन गोपाल कोड़िया ने बताया कि महिलाएं सिर पर कलश एवं पुरुष सिर पर पार्थिव शिवलिंग रखकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। अध्यक्ष आचार्य सुरेश शास्त्री और राजेश कंदोई ने बताया कि दंपतियों ने 108 दिव्य औषधियों के रस तथा हरिद्वार से मंगवाए 20,000 लीटर गंगाजल से शिवजी का अभिषेक किया। इसके बाद संत अमरनाथ के सान्निध्य में हनुमान चालीसा का पाठ हुआ।

उपाध्यक्ष त्रिलोक खण्डेलवाल व संयोजक अर्जुन सिंह ने बताया कि महाआरती के बाद भस्म आरती, शिव नाटिका एवं तांडव नृत्य हुआ। इस दौरान शिव के स्वरूप के तीसरा नेत्र खोलते ही श्रद्धालुओं ने जमकर तालियां बजाईं। संत अलबेली शरण, महंत गोपालदास, विधायक बालमुकुंदाचार्य, स्वामी अवधेशाचार्य, स्वामी सुदर्शनाचार्य, त्रिविक्रमाचार्य, राम कोड़िया, चंद्रप्रकाश, उमेश साबू मौजूद रहे। दादी का फाटक, ग्रीन पार्क स्थित एक स्कूल में पार्थिव ज्योर्तिलिंगों का अभिषेक किया गया। राजेश कौशिक व शिवदयाल ने बताया कि गलता सहित विभिन्न तीर्थ स्थलों से जल भी मंगवाया गया। संत रामरिछपालदास ने महाभिषेक और आरती की। संत रघुनंदनदास के सान्निध्य में अनुष्ठान हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button