भाजपा को वोट नहीं” कैंपेन का नेतृत्व करने वाले समीरुल को बनाया राज्यसभा उम्मीदवार
कोलकाता । राज्यसभा की छह सीटों के लिए तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को उम्मीगवारों की घोषणा कर दी है। उनमें एक नाम बीरभूम जिले के समीरुल इस्लाम का है। मूल रूप से किसान परिवार के बेटे समीरुल केवल 36 साल के हैं। ममता बनर्जी ने विपक्षी बैठक के मंच पर “नो वोट टू बीजेपी” यानी “भाजपा को कोई वोट नहीं” का जो नारा दिया था उस कैंपेन का नेतृत्व समिरुल ने ही किया था। वह बांग्ला संस्कृति मंच नाम का एक संगठन चलाते हैं जिसके जरिए तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में प्रचार प्रसार का काम लगातार करते रहे हैं।
समिरुल का जन्म 1987 में बीरभूम के रामपुरहाट से कुछ दूरी पर दुनीग्राम में हुआ। यह हासन विधानसभा के अंतर्गत आता है। मूल रूप से कोलकाता के मनिंद्र कॉलेज से रसायन शास्त्र में स्नातक और उसके बाद दिल्ली आईआईटी से स्नातकोत्तर की डिग्री लेने वाले समिरुल की पत्नी भी अधिवक्ता हैं। इस बारे में सोमवार को जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पिता मजदूर थे और उन्हीं के दिखाए रास्ते पर मैं चला हूं।