मुख्यमंत्री आवास और सचिवालय के दो सौ मीटर के दायरे में रहेगा धारा 144, आदेश जारी
रांची । छात्र संगठनों की ओर से सोमवार को 60:40 नियोजन नीति के विरोध और 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को लेकर मुख्यमंत्री आवास और सचिवालय के घेराव की घोषणा की गई है। घेराव कार्यक्रम के मद्देनजर प्रशासन ने दोनों जगहों के आसपास धारा 144 लगा दी गई है। इन दोनों जगहों पर कल सुबह आठ बजे से रात 11:30 बजे तक धारा 144 लागू रहेगी, जिसके तहत 200 मीटर के दायरे में कोई संगठन जुलूस और शक्ति प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे।
इसके तहत मुख्यमंत्री आवास एवं सचिवालय के 200 मीटर की परिधि में किसी तरह के जुलूस, रैली, प्रदर्शन, घेराव आदि आयोजित नहीं किये जा सकेंगे। तय कार्यक्रम के अनुसार सभी छात्र मोरहाबादी मैदान में जुटेंगे और फिर वहां से मुख्यमंत्री आवास घेराव के लिए निकलेंगे। इस घेराव को देखते हुए जिला प्रशासन ने निषेधाज्ञा जारी कर दी गयी है।
ये है पाबंदी
-इस क्षेत्र में पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों का एक जगह जमा होना या चलना (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों -कर्मचारियों एवं धार्मिक तथा अंत्येष्टि कार्यक्रम को छोड़कर)।
-किसी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र, जैसे- बंदुक, राईफल, रिवाल्वर, पिस्टल, बम, बारूद आदि लेकर निकलना या चलना (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों -कर्मचारियों को छोड़कर)।
-किसी प्रकार का हरवे-हथियार जैसे लाठी-डंडा, तीर-धनुष, गड़ासा-भाला आदि लेकर निकलना या चलना (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों / कर्मचारियों को छोड़कर)।
-किसी प्रकार का धरना प्रदर्शन, घेराव, जुलूस, रैली या आमसभा का आयोजन करना।
-किसी प्रकार का ध्वनि विस्तारक यंत्र का व्यवहार करना (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों तथा कर्मचारियों को छोड़कर)।
-72 घंटे का है छात्रों का आंदोलन
झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन प्रमुख देवेंद्रनाथ महतो ने बताया कि छात्रों का यह आंदोलन 72 घंटे का होगा। तय कार्यक्रम के अनुसार सोमवार को मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा। वहीं 18 अप्रैल को बंद की पूर्व संध्या पर मशाल जुलूस निकाला जाएगा। 19 अप्रैल को झारखंड बंद किया जाएगा। इस दिन राज्य भर के युवा सड़क पर उतरेंगे और राज्य सरकार की पॉलिसी का विरोध करेंगे। देवेंद्रनाथ ने कहा कि राज्य सरकार ने नियुक्ति के लिए जो नीति बनायी है, वह राज्य के छात्र हित में नहीं है।
उनका कहना है कि अगर इस नीति के अनुसार नियुक्तियां हुई तो राज्य के युवाओं की नियुक्ति में सेंधमारी हो जाएगी। राज्य सरकार को ऐसी नियोजन नीति बनानी चाहिए जो यहां के युवाओं को नौकरी सुनिश्चित कर सके। नियोजन नीति के विरोध को लेकर युवाओं ने पहले भी आंदोलन किया है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी आंदोलन किया था। इसके बाद बजट सत्र के दौरान भी आंदोलन किया।