मेरी मिट्टी-मेरा देश’ अभियान से देश की ऐतिहासिक विरासत को संवारेंगे: शिंदे

मुंबई । मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार ‘मेरी मिट्टी-मेरा देश’ अभियान से देश की ऐतिहासिक विरासत को संवारने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि देश के लिए स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान के कारण आज हम स्वतंत्रता के स्वर्णिम क्षण का अनुभव कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बुधवार को मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में राज्य सरकार की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मौके पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार मौजूद थे। एकनाथ शिंदे ने कहा कि महात्मा गांधी ने यहीं से अंग्रेजों को ‘भारत छोड़ो’ का नारा दिया था। भारत छोड़ो आंदोलन को आजादी के दिनों में ‘ऑपरेशन जीरो आवर’ से दबाने की कोशिश की गयी, लेकिन उनका यह दांव उल्टा पड़ा। बड़े नेताओं के गिरफ्तारी से आम लोगों ने इस आंदोलन को अपने हाथ में ले लिया।
उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश अन्याय के खिलाफ लड़ने का साहस दिखाया। ऐसे अनगिनत शहीदों के बलिदान से हमें आज़ादी मिली। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में शिव छत्रपतियों की विरासत है। इसके साथ ही महाराष्ट्र ने देश को बड़ी संख्या में संत, समाज सुधारक और क्रांतिकारी भी दिये हैं। किसानों, मजदूरों ने योगदान दिया। इसलिए न केवल उनके बलिदान को याद कर, बल्कि युवाओं तक उनकी निष्ठा पहुंचाकर भी यह अभियान पूरे देश में चलाया जा रहा है।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि 9 अगस्त स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को श्रद्धांजलि देने का दिन है। हमने इस स्थान पर शहीदों को याद करके, पौधरोपण करके, राष्ट्रीय तिरंगा फहराकर और अपनी मिट्टी को श्रद्धांजलि देकर शुरुआत की है। आने वाले समय में हम इन पंचप्रणों के माध्यम से एक नागरिक के रूप में देश को विकसित करने के अपने सपनों को जरूर पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि इस अभियान के माध्यम से गुलामी के निशान मिटाने का काम शुरू हो गया है। अगस्त क्रांति मैदान का अपना एक अलग ही महत्व है और इसलिए इस जगह पर उचित व्यवस्था हो, साफ-सफाई हो, शहीदों की स्मृति हो, इसके लिए मुंबई नगर निगम ने अच्छी व्यवस्था की है।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि देश की आजादी के लिए लोगों का आंदोलन अगस्त क्रांति मैदान से शुरू हुआ था। इन स्वतंत्रता सेनानियों, उनके परिवारों ने देश के लिए बलिदान दिया। देशभक्ति और विकास की यह लौ जलती रहेगी और हम सभी को इसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए काम करना होगा। कई लोगों ने देश की प्रगति में योगदान दिया है।