देश

विकसित राजस्थान-2047 कार्यशाला में हितधारकों ने दिये सुझाव

बीकानेर:  विकसित राजस्थान-2047 का डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए कृषि, उद्यानिकी, कृषि विपणन, पशुपालन, डेयरी एवं सहकारिता विभाग के विभिन्न हितधारकों के साथ बुधवार को कृषि भवन स्थित आत्मा सभागार कार्यशाला आयोजित की गई

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपनिदेशक नोडल अधिकारी चंद्रभान सिंह ने कृषि से अतिरिक्त रोजगार सृजित करने के लिए एग्री प्रोसेसिंग इकाईयों को बढ़ावा दिये जाने पर जोर दिया।

अतिरिक्त निदेशक कृषि विस्तार सुरेंद्र सिंह शेखावत ने समन्वित कृषि प्रणाली, अधिकाधिक कृषि नवाचार जैसे ए.आई. चैट जीपीटी, ड्रोन का उपयोग, माइक्रो इरिगेशन कॉम्पेक्ट प्लान जैसे नवाचारी घटको को प्रमुखता से विकसित राजस्थान 2047 की डाक्यूमेन्ट में शामिल करने की बात कही। संयुक्त निदेशक कृषि कैलाश चौधरी, निदेशक प्रसार डॉ. सुभाष चन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, डॉ. एस पी जोशी संयुक्त निदेशक पशुपालन, डॉ. दया शंकर संयुक्त निदेशक उद्यान, राजेश टॉक अतिरिक्त निदेशक सहकारिता, बनवारी लाल पूनिया अधीक्षण अभियन्ता, कृषि विपणन बोर्ड, रमेश ताम्बिया नाबार्ड, ममता पिलानिया उप परियोजना निदेशक आत्मा ने अपने विभागों से सम्बन्धित सुझाव रखे। कार्याशाला में 70 हितधारकों ने भी अपने सुझाव दिए। कार्यशाला में आए 43 महत्वपूर्ण सुझावों को राज्य सरकार को भेजा जायेगा।

कार्यशाला में कृषि विभागीय अधिकारी अमर सिंह गिल, डॉ. विजय कुमार, राजेश गोदारा, रघुवरदयाल, महेन्द्र प्रताप, धन्ना राम बेरड़, माना राम जाखड, रेणु वर्मा, यशवन्ती, सुभाष विश्नोई, ओमप्रकाश तर्ड आदि ने भाग लिया। पावर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन रमेश चन्द्र भाम्भू द्वारा दिया गया। संचालन कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत द्वारा किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button