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मोदी के नेतृत्व में बदल रहा भारतीय सेना का स्वरूप

भारतीय सेना बदलाव के दौर से गुज़र रही है। रक्षा के क्षेत्र का महत्व लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत वैश्विक शक्ति बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है। भारतीय सेना भी अब आधुनिकीकरण की राह पर आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की प्राथमिकता है कि राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। सेना और सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने के उद्देश्य के साथ ही सेना को भी आत्मनिर्भर बनाए जाने का काम किया जा रहा है।

भारत में अब टैंक, विमान वाहक पोत, पनडुब्बियां समेत कई तरह के हथियारों का निर्माण हो रहा है, जो कि आत्मनिर्भर भारत के तहत किया जा रहा है। भारत से होने वाला निर्यात वर्ष 2014 में 900 करोड़ रुपये का था जो कि अब 20 हजार करोड़ रुपये हो गया है।

पहले की अपेक्षा अभ 21वीं सदी में युद्ध लड़ने के तौर तरीकों में काफी बदलाव हुआ है। वर्तमान में संपर्क रहित युद्ध के नए मोर्चों और साइबर युद्ध की चुनौतियों पर तकनीकी रूप से सक्षम सैनिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आज की सेना तकनीक संपन्ना है, युवा सशस्त्र बलों को मजबूती दे रहे है। नई अग्निपथ योजना, राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी में लड़कियों की एंट्री होने से भी भारतीय सेना को अधिक मजबूती मिलने की उम्मीद है।

भारत के पास एफ 414 फाइट जेट इंजन है, इसका सह उत्पादन जनरल इलेक्ट्रिक एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की तरफ से किया जा रहा है। दोनों कंपनियों के बीच समझौता हुआ है, जिसके बाद जेट इंजन निर्माण करने वाला भारत चौथा देश बन जाएगा। केंद्र सरकार सशस्त्र बलों को युवा और तकनीकी जानकारी मुहैया करने के लिए कदम उठा रही है ताकि तकनीक के मामले में पीछे ना छूटे। भारत में अग्निपथ योजना लागू की गई है जिसके तहत भारत की तीनों सेनाओं में ऐसे युवा भर्ती हो रहे हैं जो अनुकूल तकनीक से संपन्न है। अग्निवीरों की भर्ती होने से भारतीय सेना को भी लाभ होगा। इसके तहत सशस्त्र बलों में सेवा करने वालों की औसत आयु 32 वर्ष से घटकर 26 वर्ष हो जाएगी। सरकार अग्निवीर योजना को इस तरह से बनाया है कि ये सिर्फ युवाओं को ही नहीं बल्कि महिलाओं को भी सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध होगी।

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