समान नागरिक संहिता लागू करने का वक्त आ गया है
देश में समान नागरिक संहिता को लेकर एक अलग बहस छिड़ी हुई है। विधि आयोग ने विभिन्न धार्मिक संस्थानों और वर्गों के लोगों से उनकी राय मांगी थी। इसके बाद समान नागरिक संहिता पर लगातार चर्चा हो रही है। वही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने मध्य प्रदेश दौरे के दौरान समान नागरिक संहिता का जिक्र कर दिया। भाजपा के कुछ नेता लगातार दावा कर रहे हैं समान नागरिक संहिता देश में लागू होकर रहेगा। वहीं, कांग्रेस की ओर से दावा किया जा रहा है कि भाजपा के पास कुछ काम बताने के लिए नहीं है, इसलिए वह यूसीसी को मुद्दा बना रही है। इन सबके बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी समान नागरिक संहिता को लेकर बड़ा बयान दिया है।
जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि संविधान निर्माताओं की परिकल्पना के अनुरूप समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा, संविधान के अनुच्छेद 44 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राज्य देश भर में अपने नागरिकों के लिए यूसीसी को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि यह संस्थापक पिताओं की विचार प्रक्रिया थी। इसके कार्यान्वयन का समय आ गया है और इसमें कोई बाधा या अधिक विलंब नहीं हो सकता। उपराष्ट्रपति भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी के 25वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
भ्रष्टाचार अलोकतांत्रिक है
उपराष्ट्रपति ने यह भी बताया कि “किसी भी विदेशी संस्था को हमारी संप्रभुता और प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।” भारत को सबसे पुराना, सबसे बड़ा, सबसे कार्यात्मक और जीवंत लोकतंत्र बताते हुए, जो वैश्विक शांति और सद्भाव को स्थिरता दे रहा है, उपराष्ट्रपति ने जोर देकर कहा, “हम अपने समृद्ध और फलते-फूलते लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थानों पर आंच नहीं आने दे सकते।” उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार अलोकतांत्रिक है, भ्रष्टाचार खराब शासन है, भ्रष्टाचार हमारे विकास को रोकता है… भ्रष्टाचार मुक्त समाज आपके विकास पथ की सबसे सुरक्षित गारंटी है।