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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन-पाकिस्‍तान को फटकार लगाते हुए क्या कहा..

नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों का विरोध करने को लेकर चीन और पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई है. जर्मनी पहुंचे विदेश मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थ व्यवस्था बनने वाला है. वहीं उन्होंने भारत और रूस के संबंधों को लेकर भी बातचीत की है.

जर्मनी पहुंचे भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत लगातार सुधारों की मांग कर रहा है, जिसे चीन और पाकिस्तान के विरोध के बाद अनसुना किया जा रहा है. इन मसलों को लेकर हाल ही में भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र में चीन,पाकिस्तान समेत अमेरिका को भी जमकर धोया था. इस दौरान राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों की मांग की थी, जिसके बाद पाकिस्तान बीच में कूद पड़ा और सुधार का विरोध किया.

भारत दुनिया की तीसरी आर्थिक शक्ति के करीब- एस जयशंकर
जर्मन मीडिया को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान का बगैर नाम लिए कहा कि जो लोग संयुक्त राष्ट्र में सुधारों का विरोध कर रहे हैं, शायद उनको पिछले दशक में हुए बदलाओं का आभास नहीं हो रहा है. विदेश मंत्री का इशारा भारत के आर्थिक महाशक्ति बनने की तरफ था. एस जयशंकर ने कहा संयुक्त राष्ट्र की शुरुआत 50 देशों के साथ हुई थी और बढ़कर लगभग 200 देश शामिल हो गए हैं, लेकिन संयुक्त राष्ट्र का सिस्टम नहीं बदला है. मंत्री ने कहा कि पिछले दो दशकों में 20 से 30 देश अर्थ व्यवस्था के मामले में काफी आगे निकल गए हैं.

रूस हमेशा से भारत के साथ- विदेश मंत्री
एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में भारत 11वें स्थान से अब पांचवे स्थान पर पहुंच गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और उसके संस्थानों में सुधार की आवश्यकता है. जयशंकर ने कोविड का हवाला देते हुए कहा कि जब दुनिया के सामने संकट आया तो सभी देश अपने पर ध्यान देने लगे. इस तरह से होगा तो संयुक्त राष्ट्र का महत्व कम होता है. जर्मन मीडिया के द्वारा भारत और रूस के संबंधों पर सवाल करने पर विदेश मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से रूस ने कभी भी भारत का साथ नहीं छोड़ा. एक रिपोर्ट के मुताबिक जर्मन भी संयुक्त राष्ट्र में बदलावों की मांग कर रहा है और दोनों देशों ने मिलकर जी-4 गुट का भी गठन किया है.

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