उत्तर प्रदेशबस्तीराज्य खबरें

“दागी बीईओ पर कार्रवाई कब?”—सल्टौआ में भ्रष्टाचार की परतें खुलीं, शिक्षकों का फूटा गुस्सा

जन एक्सप्रेस/बस्ती: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही भ्रष्टाचार पर “जीरो टॉलरेंस” की नीति की बात करते हों, लेकिन ज़मीनी हकीकत मुख्यमंत्री के मंसूबों को चुनौती देती नज़र आ रही है। बस्ती जिले के सल्टौआ ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार पर लगे गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है—क्या भ्रष्ट अफसरों पर कार्रवाई सिर्फ कागजों तक सीमित है?

कई ब्लॉकों का चार्ज, बढ़ा रुतबा या भ्रष्टाचार की छूट? 

जिन्हें पहले ही सल्टौआ ब्लॉक का प्रभार मिला हुआ था, उन्हें अब रुधौली ब्लॉक का अतिरिक्त चार्ज भी दे दिया गया है। बीएसए की “मेहरबानी” से मालामाल ये खंड शिक्षा अधिकारी अब भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद आराम से कुर्सी पर जमे हुए हैं।

रातों-रात गिरवाई गई सरकारी बिल्डिंग, MDM में घोटाला, टेंट-धन का गबन—19 बिंदुओं पर आरोप.उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष चंद्रिका सिंह के नेतृत्व में गुरुवार को सैकड़ों शिक्षकों ने डीएम को मुख्यमंत्री और महानिदेशक स्कूल शिक्षा को संबोधित ज्ञापन सौंपा। जिसमें 19 बिंदुओं पर साक्ष्य सहित आरोप लगाए गए हैं।

आरोपों में शामिल हैं:

  • सरकारी कार्यक्रमों में जलपान व बैठक की व्यवस्था के नाम पर धन का गबन
  • MDM बर्तनों के लिए आए धन में हिस्सा मांगना
  • स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों की सर्विस बुक अधूरी, वेतनमान समय से नहीं लग रहा
  • शिक्षक प्रशिक्षण में बेहद खराब भोजन व्यवस्था
  • स्कूलों से अवैध वसूली, अनुपस्थित शिक्षकों से पैसे लेकर उसी दिन चिकित्सा अवकाश देना
  • खेलकूद प्रतियोगिता में हर विद्यालय से ₹400 की अवैध वसूली

ऑडियो वायरल, डीएम ने तलब किया—फिर भी कार्रवाई नहीं

शिक्षक संगठनों का कहना है कि खंड शिक्षा अधिकारी का एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कर्मचारियों से अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया था। इस पर डीएम ने तलब किया, लेकिन केवल चेतावनी देकर मामला रफा-दफा कर दिया गया।

सीएम के आदेश को ठेंगा

मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि सभी अधिकारी अपने तैनाती वाले ब्लॉक/जिले में रात्रि निवास करें, लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार अंबेडकरनगर से ही “वर्क फ्रॉम होम” चला रहे हैं। शिक्षकों को छोटे-छोटे कार्यों के लिए उनके घर तक चक्कर लगाने पड़ते हैं।

“आर-पार की लड़ाई होगी”—शिक्षक संगठन का एलान

संघ के नेताओं ने साफ कहा है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो जिला मुख्यालय से लेकर लखनऊ तक आर-पार की लड़ाई होगी। शिक्षक नेताओं ने यह भी बताया कि इस संबंध में सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) को पहले ही शिकायत दी जा चुकी है, जिस पर सुनवाई के निर्देश भी जारी हुए थे, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

क्या भ्रष्टाचार के आरोपियों पर कार्रवाई से बचते रहेंगे अधिकारी?

अब बड़ा सवाल ये है कि बीएसए और विभागीय अधिकारियों की चुप्पी आखिर किस दबाव या “सांठगांठ” का परिणाम है? शिक्षकों की मांग है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे मुख्यमंत्री से मिलकर सीधा हस्तक्षेप कराने के लिए बाध्य होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button