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मोदी के साथ चट्टान की तरह खड़ी हैं देश की महिलाएं: अमित शाह

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नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राहुल गांधी की ‘शक्ति’ टिप्पणी पर जवाब दिया और कहा कि कांग्रेस नेता ना तो हमारी परंपरा को जानते हैं और न ही उसका सम्मान करते हैं। एक नीजी चैलन पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि देश की महिलाएं पीएम मोदी के साथ चट्टान की तरह खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि हजारों वर्षों से हमारे देश में मातृशक्ति को सबसे बड़ी शक्ति माना गया है। मां के आशीर्वाद से बड़ा कोई आशीर्वाद नहीं हो सकता है और बहन के स्नेह से बड़ा कोई स्नेह नहीं हो सकता है। उन्होंने वार करते हुए कहा कि राहुल गांधी को मालूम नहीं है कि वो क्या बाल रहे हैं। मोदी जी के साथ इस देश की नारी शक्ति चट्टान की तरह खड़ी है। नारी शक्ति ने ठाना है कि इस बार चुनाव में राहुल गांधी को शक्ति का परिचय जरूर कराना है।

विपक्ष पर वार करते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस की पॉलिसी ही है कि इस देश के दो टुकड़े होने चाहिए, साउथ इंडिया और नार्थ इंडिया। लेकिन राहुल बाबा आप चिंता न करें, अब भाजपा इतनी ताकतवार है कि कांग्रेस दूसरी बार देश का विभाजन नहीं कर पाएगी। हम देश के टुकड़े नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने वोट बैंक बनाने के लिए भ्रांति फैलाई कि CAA से देश के अल्पसंख्यकों की नागरिकता छीन ली जाएगी, लेकिन CAA से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी बस पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी। इस देश के मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है। सीएए नागरिकता लेने का कानून नहीं है, नागरिकता देने का कानून है।

 

अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि ममता के मंत्री के घर से 51 करोड़ रुपये मिलते हैं, कांग्रेस के सांसद के घर से 355 करोड़ रुपये मिलते हैं और ये कहते हैं कि कार्रवाई ही न हो। नोटों की गड्डियां भरने के लिए मेटाडोर लाने पड़ते हैं। देश की जनता को राहुल बाबा बता सकते हैं कि ये पैसा कहां जाने वाला था? उन्हें इसका जवाब देना चाहिए। जो करप्शन करेगा, उस पर कठोर कार्रवाई होगी, वो जेल के पीछे जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं देश की जनता के सामने कहना चाहता हूं कि मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कालेधन पर तेजी से कार्रवाई की गई है। ED ने जितनी भी सं​पत्तियां कुर्क की हैं, उसमें से सिर्फ 5 प्रतिशत ही राजनीतिक दलों से जुड़े हुए लोगों की हैं, बाकी कालेधन वालों की हैं। हालांकि राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों की जो संपत्तियां कुर्क हुई हैं, वो भी कालाधन ही है, लेकिन ये चाहते हैं कि इन पर कार्रवाई ही न हो।

 

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