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रेलवे भूमि अधिग्रहण में काटे जाएंगे 1400 पेड़, मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू

मुआवजा के साथ ही वन विभाग में भी जमा करना होगा शुल्क।

जन एक्सप्रेस/महराजगंज: यूपी के जनपद महराजगंज, जहां आनंदनगर – घुघली के बीच बनने वाली नई रेल लाइन के मार्ग में आने वाले पेड़ों का सर्वेक्षण शुरू हो चुका है। घुघली से लेकर आनंदनगर तक कुल 1400 से अधिक पेड़ नई रेल लाइन के मार्ग में आ रहे हैं। रेलवे के इंजीनियरों ने इन पेड़ों के मूल्यांकन के लिए डीएफओ से मुलाकात की।

वन विभाग के साथ संयुक्त सर्वेक्षण के पश्चात पेड़ों का मूल्यांकन कर काश्तकारों को मुआवजा दिया जाएगा। विशेष रेल परियोजना के अंतर्गत, पूर्वोत्तर रेलवे आनंदनगर- घुघली वाया महराजगंज नई रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई चल रही है। यह नई रेल लाइन लगभग 53 किमी लंबी बन रही है, और इसके निर्माण के बाद जिला मुख्यालय भी रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाएगा। रेलवे ने इस नई रेल लाइन के लिए 29 ग्राम पंचायतों में अब तक 1.63 अरब रुपये का मुआवजा भूमि अधिग्रहण के बाद प्रदान किया है। साथ ही, नई रेल लाइन के मध्य आने वाली एलटी व एचटी विद्युत लाइनों के स्थानांतरण के लिए भी विद्युत विभाग से संपर्क करने के साथ ही अब वन विभाग से संपर्क कर पेड़ों को हटाए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके लिए एक्जिक्यूटिव इंजीनियर केके यादव व अजय कुमार ने डीएफओ के साथ बैठक कर पेड़ों को हटाए जाने पर चर्चा की।

मुआवजा के साथ ही वन विभाग में भी जमा करना होगा शुल्क।

वन विभाग की ओर से रेलवे लाइन में आ रहे पेड़ों को काटने के लिए रेलवे को काश्तकारों को मुआवजे का भुगतान करना ही होगा, साथ ही साथ वन विभाग को भी निश्चित शुल्क जमा करनी होगी। इसके अलावा प्रत्येक पेड़ों के सापेक्ष रेलवे को पेड़ भी लगाने होंगे। जिला प्रभागीय वनाधिकारी निरंजन सुर्वे ने बताया कि रेलवे लाइन निर्माण में बाधक बनने वाले पेड़ों की कटान के लिए रेलवे के अधिकारियों के साथ बैठक की गई है।

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