उत्तराखंड

उत्तराखंड: अल्मोड़ा जिले में जंगल की आग ने 30 गांवों के ग्रामीणों की उड़ा दी नींद

Listen to this article

उत्तराखंड : उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में जंगल की आग ने 30 गांवों के ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। कड़ी मेहनत से विकसित किए गए 7.5 हेक्टेयर में फैले जिले के आदर्श जंगल के रूप में पहचाने जाने वाले स्याहीदेवी-शीतलाखेत जंगल के साथ ही अपने खेत-खलिहानों को बचाने के लिए गांव की महिलाएं, बुजुर्ग, युवा रात-दिन बारी-बारी से जंगल में पहरेदारी कर रहे हैं। यहां तक कि उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था भी जंगल में ही हो रही है।

वर्ष 2003 में विलुप्त हो गए स्याहीदेवी-शीतलाखेत जंगल को बगैर पौधरोपण के फिर से विकसित करने की पहल शुरू हुई थी। जंगल बचाओ… जीवन बचाओ अभियान चलाकर संयोजक के तौर पर स्वास्थ्य विभाग के फार्मासिस्ट गजेंद्र कुमार पाठक के नेतृत्व में धामस, नौला, भाकड़, गणस्यारी, स्याहीदेवी, रौन, डाल, डोबा, जूट, कसून, रैंगल, बलम, तल्ला रौतेला, देवलीखान सहित 30 गांवों के ग्रामीणों ने वन विभाग के सहयोग से बांज, बुरांश, फल्यांट सहित अन्य प्रजातियों का जंगल विकसित किया।
पूरी रात नहीं सोए ग्रामीण, आग बुझाने में जुटे रहे…ताड़ीखेत के दूर के गांव तक जंगल की आग पहुंच गई। अपने घर, खेत, खलिहान की चिंता से ग्रामीण पूरी रात नहीं सो सके और आग बुझाने में जुटे रहे। सुबह चार बजे के करीब ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद जंगल की आग को गांव पहुंचने से रोका।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button