मध्यप्रदेश

भगवान श्रीकृष्ण का कर्म प्रधान जीवन हमारे लिए आज भी प्रेरणा पुंज : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

Listen to this article

भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के समस्त नगरीय निकाय में गीता भवन केन्द्र खोले जाएंगे। इन केंद्रों के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान और हमारे ग्रंथों, महापुरुषों के उपदेश आमजन तक पहुंचेंगे। यह घोषणा मुख्यमंत्री ने रव‍िवार को इन्दौर स्थित गीता भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित व्याख्यानमाला में की। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के अलग-अलग घटनाक्रमों के वृत्तान्त को बड़े ही रोचक तरीके बताया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा प्रदेश सरकार द्वारा इस तरह के व्याख्यान के माध्यम से आमजन तक भगवान श्रीकृष्ण के कर्म प्रधान जीवन की जानकारी पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। विजय दत्त श्रीधर और प्रभुदयाल मिश्र ने अपने व्याख्यान दिये।

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक महेंद्र हार्डिया, विधायक गोलू शुक्ला, विधायक मधु वर्मा, गौरव रणदिवे, गीता भवन ट्रस्ट इंदौर के अध्यक्ष रामचंद्र एरन, ट्रस्ट के मंत्री रामविलास राठी सहित गणमान्यजन, गीता भवन ट्रस्ट के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रदेश भर में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें व्याख्यान भी शामिल हैं। प्रदेश सरकार ज्ञान रूपी दीपक को प्रज्ज्वलित करने वाली छोटी सी तिली की भूमिका में कार्य कर रही है। व्याख्यान के माध्यम से हमारे वरिष्ठजन हमारे महापुरुषों के जीवन और उनके किये गए कार्यों को आमजन तक बेहद ही सहज तरीके से पहुंचाने का कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा भगवान श्रीकृष्ण का पूरा जीवन कर्म आधारित रहा है। उन्होंने अलग-अलग लीलाओं के माध्यम से कर्म को प्रधान रखते हुए कर्म को ही धर्म माना। भगवान श्रीकृष्ण ने भगवान बुद्ध और उनके शिष्य के संवाद का भी रोचक तरीके से वृतांत सुनाया। भगवान बुद्ध ने कहा था मृत्यु का कारण जन्म है। पृथ्वी पर जिस भी जीव का जन्म हुआ है उसकी मृत्यु तय है। हम देवताओं की जयंती मनाते है क्योंकि उनके द्वारा मनुष्य जन्म में किये गए कर्म पूजनीय है। देवताओं ने भी मनुष्य योनी को अपनाया। पुण्य के संचय हेतु जन्म आवश्यक है। भगवान ने विभिन्न अवतारों में जन्म लेकर मनुष्य जीवन में सुख और दुख के बीच अपने कर्म को महत्ता दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने माता देवकी और वासुदेव, बाबा नंद और माता यशोदा के त्याग का उल्लेख किया। उन्होंने कहा भगवान कृष्ण ने जन्म से लेकर अपने पूरे जीवन में विभिन्न लीलाओं के माध्यम से कर्म और पुरुषार्थ को प्रधान रखा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इन्दौर के गीता भवन ट्रस्ट को हर संभव सहयोग प्रदान करने की बात कही। उन्होंने कहा कि इंदौर में “हर घर कृष्ण-हर घर यशोदा” की पहल अनूठी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का पूजन कर बांसुरी अर्पित की। कार्यक्रम में ट्रस्ट की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. यादव को भगवान श्रीकृष्ण एवं राधा जी की प्रतिमा भेंट की गई।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव पर विजयदत्त श्रीधर ने “श्रीकृष्ण के भाव, सौंदर्य और प्रेम का समुच्चय” विषय पर अपने व्याख्यान में कहा कि भारतीय संस्कृति के भगवान श्रीकृष्ण पुरोधा रहे है। उन्होंने श्रीकृष्ण के जीवन के अलग-अलग वृतांत जिसमें कृष्ण-अर्जुन द्रोपदी, रुकमणी प्रसंग सुनाते हुए श्रीकृष्ण के जीवन के वृतांत को बड़े ही रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने भगवत गीता के श्लोकों और उनके अर्थों को बेहतर सहज तरीके से अपने व्याख्यान के माध्यम से प्रस्तुत किया। श्रीधर ने कहा यह आयोजन सनातन संस्कृति को जानने, समाज में रचनात्मकता और बेहतर दिशा देने का कार्य करने वाला सिद्ध होगा।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button