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रामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र कुमार दास जी का निधन

रामलला की सेवा के लिए छोड़ा घर

जन एक्सप्रेस/लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के प्रमुख संत आचार्य सत्येन्द्र दास के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने इसे अध्यात्मिक जगत के लिए एक अपूर्णीय क्षति बताया। हाल ही में मुख्यमंत्री ने पीजीआई जाकर उनका हालचाल भी जाना था। आचार्य सत्येन्द्र दास का जन्म 20 मई 1945 को संतकबीरनगर जिले में हुआ था। बचपन से ही भक्ति और धार्मिक प्रवृत्ति से जुड़े आचार्य सत्येन्द्र दास के जीवन पर उनके पिता का गहरा प्रभाव था, जो अक्सर अयोध्या के धार्मिक स्थलों की यात्रा किया करते थे। इसी दौरान वे भी अपने पिता के साथ अयोध्या जाने लगे और वहां अभिराम दास जी के आश्रम में आने-जाने लगे। अभिराम दास वही संत थे, जिन्होंने 1949 में राम जन्मभूमि में गर्भगृह में राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और सीता जी की मूर्तियों के प्रकट होने का दावा किया था। इस घटना और अभिराम दास की रामलला के प्रति निस्वार्थ सेवा ने सत्येन्द्र दास के जीवन को गहराई से प्रभावित किया।

रामलला की सेवा के लिए छोड़ा घर

रामलला की सेवा और संत जीवन की ओर आस्था रखते हुए आचार्य सत्येन्द्र दास ने 1958 में केवल 13 साल की उम्र में घर छोड़कर संन्यास लेने का निर्णय किया। उन्होंने अभिराम दास जी के आश्रम में रहकर अध्यात्म और भक्ति की राह अपनाई। सत्येन्द्र दास का पूरा जीवन रामलला की सेवा और धर्म प्रचार को समर्पित रहा। उनके परिवार में दो भाई और एक बहन थी, लेकिन बहन का पहले ही निधन हो चुका है। अपनी सादगी और भक्ति के कारण वे लोगों के बीच गहरी श्रद्धा और सम्मान के पात्र बने रहे। उनके निधन से अयोध्या सहित पूरे अध्यात्मिक जगत में शोक की लहर है।

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