कोतवाल,चौकी इंचार्ज सस्पेंड! डीआईजी के निर्देश पर कप्तान का हंटर

जन एक्सप्रेस/बस्ती : कप्तान अभिनंदन ने कुछ दिन पहले चर्चित बैरिहवा जमीनी विवाद में प्रभावी कार्रवाई न करने के आरोप में शहर कोतवाल देवेंद्र प्रताप,व चौकी इंचार्ज रौता अरुण पाण्डेय को सस्पेंड कर दिया है।
पुलिस पर आरोप था बिना किसी उच्च अधिकारी को जानकारी दिए पुलिस की मौजूदगी में मालवीय रोड के पास बैरिहवां में एक मकान की चहारदीवारी तोड़ी गई थी। यह घटना 30 मई 2025 को हुई थी, जब दिनदहाड़े चहारदीवारी को गिरा दिया गया। इस मकान में रहने वाली अजिता त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने विरोध किया तो पुलिस ने उनके घर की बेटियों को थाने ले जाकर घंटों बैठाए रखा।
डीआईजी के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक संतकबीरनगर की जांच में दोषी पाए गए कोतवाल व चौकी इंचार्ज
पीड़ित अजिता पाण्डेय ने डीआइजी बस्ती से मिलकर शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी बेशकीमती जमीन पर भूमाफियाओं द्वारा अवैध तरीके से जेसीबी से गिरा दिया गया है तथा पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इस पूरे मामले को डीआईजी बस्ती ने गंभीरता से लेते हुए अपर पुलिस अधीक्षक संत कबीर नगर को जांच के निर्देश दिए थे। अपर पुलिस अधीक्षक संतकबीर नगर की जांच आख्या पाया गया कि कोतवाल डीपी राणा और चौकी इंचार्ज अरुण पाण्डेय द्वारा प्रभावी कार्रवाई नहीं किया गया था। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधीक्षक बस्ती ने कोतवाल व चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर बड़ी कार्यवाही की है।
राजस्व विभाग के कर्मचारी पर भी जल्द हो सकती है बड़ी कार्यवाही
अक्सर राजस्व विभाग की कर्मचारियों की मिलीभगत व लापरवाही वजह से बड़ी घटनाएं होती रहती है।
इसी केस में यह भी सामने आया कि बिना किसी आधिकारिक अनुमति के एक राजस्व विभाग का कर्मचारी भी मौके पर पहुंचा था। इस पहलू की जांच एडीएम प्रतिपाल सिंह चौहान कर रहे हैं, अब जल्द ही उस लेखपाल पर भी कार्रवाई हो सकती है.
इस पूरे मामले में जांच की निगरानी जिलाधिकारी रवीश गुप्ता और कमिश्नर अखिलेश सिंह कर रहे हैं। एडीएम प्रतिपाल सिंह और एएसपी ओमप्रकाश सिंह अलग-अलग बिंदुओं की जांच कर रहे हैं।
भैंस खोजने वाली पुलिस वाले मासूम बच्ची के साथ रेप कर निर्मम हत्या मामले में अब तक खाली हाथ
भैंस तक खोजने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस,ऑपरेशन लंगड़ा अभियान के तहत अपराधियों के पैर में गोली मारने वाली बस्ती जिले तर्रार स्वाट, एसओजी सहित कई टीमें पुलिस मासूम बच्चों के साथ रेप कर निर्मल तरीके से हत्या मामले में पुलिस के अब तक खाली हाथ है। जिसको लेकर पूरे जिले में पुलिस के प्रति नाराजगी है तमाम संगठन के लोग पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं। अब सवाल यह है कि पुलिस इस मामले का खुलासा कब तक करती है या अधिकतर मामलों के तरह ये भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
पैकोलिया पुलिस पर फिर लापरवाही सहित तमाम अन्य गम्भीर आरोप
जमीनी विवाद में चाकू से निर्मम तरीके से हत्या के मामले में थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र यादव तो सस्पेंड हो चुके हैं। लेकिन नए थानेदार की कार्यशैली पर पीड़ित परिजनों ने गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पैकोलिया पुलिस ने हत्या में शामिल आरोपियों को लाखों लेकर छोड़ दिया गया।
कहीं अपराध की वजह राजस्व विभाग की लापरवाही तो नहीं
बस्ती जिले में हाल ही मैं जमीनी विवाद को लेकर कई घटनाएं हो चुकी है। यहां तो जमीनी विवाद में पैकोलिया थानाध्यक्ष धर्मेंद्र यादव शहर कोतवाल, चौकी इंचार्ज रौता, कई अन्य पुलिसकर्मी निलंबित हो चुके हैं। इन सब मामले की जड़ जमीनी विवाद रहा अगर राजस्व टीम अपना काम सही से करती तो इस तरीके की घटना ना होती। हाल ही में जमीनी मामले पैकोलिया थाना क्षेत्र में चाकू से निर्मम हत्या ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया था