यूपी में 5000 सरकारी स्कूलों के बंद होने के विरोध में कांग्रेस की पदयात्रा
पिछड़े, दलित, आदिवासी बच्चों की शिक्षा से खिलवाड़ का आरोप

जन एक्सप्रेस लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लगभग 5000 सरकारी प्राइमरी स्कूलों को बंद कर अन्य स्कूलों में विलय करने के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने तीखा विरोध जताते हुए पदयात्रा शुरू की है। पार्टी ने इस निर्णय को गरीब, दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के बच्चों की शिक्षा छीनने की साजिश करार दिया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह कदम सरकारी नौकरी खत्म करने और शिक्षा के निजीकरण की बड़ी साजिश का हिस्सा है।
पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर कई जिलों में कार्यकर्ताओं ने विरोध मार्च निकाला और जिला मुख्यालयों पर ज्ञापन सौंपे। कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि इन स्कूलों का बंद होना उन बच्चों को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा, जिनके पास न तो निजी स्कूलों में पढ़ने की आर्थिक क्षमता है और न ही दूरदराज स्कूलों तक पहुंचने का साधन। इससे सैकड़ों गांवों के शिक्षा केंद्र खत्म हो जाएंगे, जिससे बालिका शिक्षा पर सबसे अधिक असर पड़ेगा।
कांग्रेस ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह यह फैसला तुरंत वापस ले और शिक्षा के अधिकार अधिनियम का सम्मान करे। पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने गरीबों की शिक्षा पर यह हमला नहीं रोका, तो राज्यभर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। पार्टी इस मुद्दे को लेकर विधान सभा से लेकर सड़क तक संघर्ष जारी रखेगी।