वंदे भारत ट्रेनों पर लगातार हमले, अव्यवस्था और मनमानी – रेलवे की सुरक्षा और सेवा पर सवाल

जन एक्सप्रेस/लखनऊ/नई दिल्ली : देश की हाईटेक और तेज़ रफ्तार ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस एक बार फिर शरारती तत्वों के निशाने पर आ गई है। लखनऊ आउटर पर अयोध्या से आनंद विहार जा रही वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी की गई, जिससे यात्रियों में दहशत फैल गई। वहीं, वीआईपी ट्रेनों में गड़बड़ियां और ट्रेनों में किन्नरों की वसूली की घटनाएं भी लगातार यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही हैं।
वंदे भारत पर फिर हमला, शीशा टूटा, यात्री डरे
शनिवार शाम ट्रेन संख्या 22425 वंदे भारत एक्सप्रेस जब चारबाग से रवाना होकर आलमबाग पश्चिम केबिन के पास पहुंची, तभी चेयरकार बोगी सी-11 की सीट संख्या 30, 31 और 32 के सामने की खिड़की पर पत्थर फेंका गया। पत्थर लगने से शीशा चकनाचूर हो गया। यात्री निर्मेष ने इसकी शिकायत आरपीएफ कंट्रोल रूम में दर्ज कराई।
गौर करने वाली बात यह है कि वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनों की निगरानी सीसीटीवी कैमरों से की जाती है। इसके बावजूद आए दिन प्रयागराज, मेरठ और अब लखनऊ जैसे बड़े शहरों में पथराव की घटनाएं सामने आ रही हैं।
शताब्दी एक्सप्रेस में भी अव्यवस्था, 600 यात्री भीगते रहे
वीआईपी सेवा शताब्दी एक्सप्रेस में भी शनिवार को भारी अव्यवस्था देखने को मिली। लखनऊ जंक्शन से रवाना होने वाली नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस में ऑनबोर्ड हाउसकीपिंग स्टाफ की लापरवाही के चलते गेट खुलने में देर हो गई। नतीजतन, बारिश के दौरान करीब 600 यात्री प्लेटफॉर्म पर भीगते हुए इंतज़ार करते रहे। यात्री कृष्ण कुमार ने इसकी शिकायत रेलवे प्रशासन से की है। यह घटना रेलवे की वीआईपी ट्रेनों में घटती सेवा गुणवत्ता को दर्शाती है।
फर्जी सीट रिजर्वेशन से परेशान यात्री
लखनऊ-वाराणसी शटल ट्रेन की चेयरकार बोगी सी-2 में लंबे समय से तकनीकी गड़बड़ी बनी हुई है। यात्रियों को ऑनलाइन सीट संख्या 74 और 75 का आरक्षण दे दिया जाता है, लेकिन ट्रेन में ये सीटें मौजूद ही नहीं हैं। जब यात्री ट्रेन में सवार होते हैं तो सीट न मिलने पर उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। यात्री सुनव बासु बिस्वास ने उत्तर रेलवे प्रशासन से इस गड़बड़ी की शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है।
किन्नरों की वसूली बनी यात्रियों के लिए सिरदर्द
लखनऊ-कानपुर रूट की ट्रेनों में किन्नरों की जबरन वसूली थमने का नाम नहीं ले रही है। हावड़ा-अमृतसर पंजाब मेल की स्लीपर क्लास में एक यात्री ने वीडियो बनाकर आरपीएफ से शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें देखा जा सकता है कि पैसे न देने पर किन्नर यात्रियों से अभद्रता कर रहे हैं। ये घटनाएं यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न खड़े कर रही हैं।
प्रशासन के लिए चेतावनी और सुधार की ज़रूरत
लगातार सामने आ रही इन घटनाओं से साफ है कि रेलवे की सुरक्षा और सेवा व्यवस्थाएं केवल कागज़ों पर ही चुस्त हैं। वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनों पर पथराव से लेकर सीट फीडिंग की तकनीकी गड़बड़ी और किन्नरों की वसूली तक – यात्री हर कदम पर असुविधा और असुरक्षा का शिकार हो रहे हैं।
रेलवे प्रशासन को चाहिए कि:
• CCTV निगरानी को और बेहतर किया जाए।
• शरारती तत्वों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित हो।
• तकनीकी गड़बड़ियों को तत्काल सुधारा जाए।
• ट्रेनों में वसूली और अभद्रता रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।