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राजधानी में दबंगों की दादागीरी!

डीएसपी के नाम पर खुलेआम लूट, मारपीट और धमकी — पुलिस मूकदर्शक बनी रही

जन एक्सप्रेस/लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कानून और व्यवस्था की एक और शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। हरदोई से लौट रहे युवक रंजीत गौतम को बीच सड़क पर दबंगों ने घेर लिया, बेरहमी से पीटा, एक लाख रुपये और मोबाइल लूट लिया और जाते-जाते खुली धमकी दी: ‘हम डीएसपी के घर से हैं, हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता!’

सब कुछ हुआ सरेआम — राजधानी की सड़कों पर, पुलिस की मौजूदगी में
घटना की गंभीरता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि पीड़ित ने तत्काल 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को बुलाया। पुलिस आई — लेकिन तभी काली फॉर्च्यूनर (UP44 AV 6666) दोबारा घटनास्थल पर लौटी। पुलिस ने रोका, लेकिन दबंग सरपट भाग निकले… और पुलिस केवल ‘कागज़ी कार्यवाही’ तक सिमट गई।

पीड़ित रंजीत गौतम बोले:
“मुझे बेरहमी से मारा गया, जातिसूचक गालियाँ दी गईं और कहा गया कि अगर दोबारा दिखे तो जान से मार देंगे। मैं पुलिस को बुला रहा था, तब भी वे धमकी देते रहे — साफ कहा कि ‘हम डीएसपी के घर से हैं, कोई कुछ नहीं कर सकता।’’

सवालों की बौछार, जवाब नदारद:

  • क्या राजधानी में कानून सिर्फ आम लोगों के लिए है?
  • क्या डीएसपी का नाम लेकर कोई भी खुलेआम लूट और हिंसा कर सकता है?
  • जब पुलिस की आँखों के सामने आरोपी भाग निकले, तो आम आदमी किससे उम्मीद करे?
  • SC/ST एक्ट, लूट, धमकी और जातिसूचना अपमान — सबकी रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद प्रशासन चुप क्यों?

चुप्पी — किसी दबाव की निशानी?
प्रशासन की खामोशी और पुलिस की लाचारी अब गंभीर सवाल खड़े कर रही है। पीड़ित ने FIR में SC/ST एक्ट, 392 (लूट), 323 (मारपीट), 506 (धमकी) जैसी गंभीर धाराओं की माँग की है — लेकिन कार्रवाई न होने से पीड़ित का पूरा परिवार डर और सदमे में जी रहा है।

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