देश

बारिश के बाद खरीफ फसल की तैयारी में जुटे किसान

धमतरी । बारिश किसानों के लिए वरदान साबित हुई। रोपाई व लाइचोपी पद्धति से धान फसल लेने के लिए खेतों में पानी सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ी। भरे पानी से तेजी के साथ जोताई की जा रही है। खेती-किसानी में आई तेजी से खेतों की ओर रौनक है , जबकि गांवों में सन्नाटा पसरा रहता है।

आषाढ़ माह में हुई बारिश किसानों के लिए काफी फायदेमंद रही। चार दिनों तक हुई बारिश से खेती- किसानी में तेजी आ गई है। किसान व मजदूर खेतों में डटे हुए हैं, इससे गांवों की ओर इन दिनों सन्नाटा पसरा रहता है। रोपाई व लाइचोपी पद्धति से धान फसल लेने के लिए तेजी से ट्रेक्टर से खेतों की जोताई हो रही है। दिन व रात ट्रैक्टर चल रहा है। रोपाई के लिए किसानों को खेतों में सिंचाई पानी की जरूरत नहीं पड़ी। बारिश से जोताई के लायक पानी भर गया।

उल्लेखनीय है कि धमतरी जिले में 55 हजार सिंचाई बोर पंप है, इससे करीब 60 से 80 हजार हेक्टेयर पर रोपाई व लाइचोपी पद्धति से धान फसल लेने सिंचाई की जाती है, लेकिन इस साल किसानों को सिंचाई के लिए बोर पंप चालू करना नहीं पड़ा। रोपाई के लिए खेत तैयार है, लेकिन किसानों के खेतों में अभी नर्सरी पूरी तरह से तैयार नहीं है, ऐसे में किसानों को करीब सप्ताहभर नर्सरी तैयार होने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। जबकि लाइचोपी पद्धति से फसल लेने वाले किसान धान बीज का छिड़काव कर रहे हैं।

जिले के धमतरी, कुरूद, मगरलोड और नगरी ब्लाक में सबसे ज्यादा किसान बोता पद्धति से धान फसल की खेती-किसानी करते हैं, क्योंकि वनांचल क्षेत्र में ज्यादातर किसानों के पास सिंचाई की सुविधा नहीं है। ऐसे किसान बारिश से पहले खरीफ फसल लेने खेतों की सूखा जोताई करके और बीज छिड़काव करके रखते हैं, ऐसे किसानों के खेतों में जल्द ही हरियाली आएगी। अच्छी बारिश होने से खेतों के मिट्टी गीली हो गई है। जल्द ही बीज में अंकुरण आने के साथ धान के पौधा तैयार होने लगेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button