
जन एक्सप्रेस रुड़की। रुड़की का मोनू अब सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि उम्मीद, हिम्मत और मानवता का पर्याय बन चुका है। लोग अब गंगनहर में डूबते व्यक्ति को देखकर 112 या पुलिस को नहीं, बल्कि सीधे मोनू को फोन करते हैं। और वह बिना देर किए वहां पहुंचकर लोगों को मौत के मुंह से खींच लाता है।
जनवरी 2025 से अब तक 60 लोगों की जान बचा चुके मोनू
इस साल की शुरुआत से अभी तक मोनू ने 60 लोगों की जान बचाकर अपने ‘जलवीर’ होने का प्रमाण फिर से दिया है। जबकि बीते 5 वर्षों में यह आंकड़ा 600 के पार जा चुका है। मोनू की इसी निस्वार्थ सेवा भावना को देखते हुए एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र डोबाल उन्हें तीन बार सम्मानित कर चुके हैं।
गंगनहर में हर रोज़ होती हैं घटनाएं, मोनू बना संकटमोचक
रुड़की की गंगनहर, जहां हर रोज़ कोई न कोई हादसा होता है—कभी नहाते समय लापरवाही, तो कभी आत्महत्या की कोशिश। ऐसे में मोनू बिना किसी सुरक्षा उपकरण या सरकारी सहायता के, सिर्फ इंसानियत के दम पर लोगों की जान बचाता है।
पुलिस भी लेती है मोनू की मदद
चाहे कांवड़ यात्रा हो या फिर कोई स्थानीय मेला—पुलिस अब मोनू की बहादुरी और अनुभव का लाभ उठाती है। उसकी मौजूदगी खुद में एक सुरक्षा का भरोसा बन चुकी है।
स्थानीय लोगों का कहना:
“अब नहर में कुछ भी हो, सबसे पहले यही ख्याल आता है – मोनू को फोन करो। वो आएगा, और जान बचा लेगा।”
जहां लोग जिंदगी से हार जाते हैं, वहां मोनू उम्मीद बनकर उभरता है।