चित्रकूट ट्रेजरी में 100 करोड़ की ‘सरकारी डकैती’!
95 रिटायर्ड और मृत शिक्षकों के नाम पर उड़ाए गए करोड़ों ,दो क्लर्क निकले रियल एस्टेट माफिया, प्रशासन की आंखें मूंदे रहीं 7 साल!

जन एक्सप्रेस चित्रकूट/(हेमनारायण द्विवेदी): योगी राज में जीरो टॉलरेंस या जीरो निगरानी?जहाँ एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति का दम भरते हैं, वहीं दूसरी ओर चित्रकूट के कोषागार में 100 करोड़ की ‘चुपचाप लूट’ ने इस नीति पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।2018 से लेकर 2025 तक, सात सालों तक चली इस लूट में सरकारी धन को योजनाबद्ध तरीके से उड़ाया गया, और हैरानी की बात यह है कि कोई पकड़ा नहीं गया — अब तक!
कैसे रची गई करोड़ों की डकैती?
95 मृत या रिटायर्ड शिक्षकों के नाम पर बार-बार पेंशन व वेतन की एंट्रियां धनराशि को फर्जी खातों में ट्रांसफर किया गया एक ही नाम से बार-बार पेमेंट, कोई ऑडिटिंग नहीं खातों की वैधता पर भी सवाल, कई अकाउंट्स बोगस पाए गए
क्लर्क की कुर्सी से करोड़पति बनने की कहानी!
जांच में सामने आए दो पटल सहायक (क्लर्क), जो ट्रेजरी में लंबे समय से कार्यरत थे, अब रियल एस्टेट में करोड़ों का खेल खेलते पाए गए।
सूत्रों की मानें तो — दोनों ने अपनी नौकरी का इस्तेमाल कर प्रॉपर्टी में निवेश किया “ऊपर तक पहुंच” का फायदा उठा घोटाले को छुपाते रहे संभवतः यह ‘नेटवर्किंग घोटाला’ है, जिसमें सिर्फ बाबू नहीं, बड़े चेहरे भी शामिल हो सकते हैं
अब तक की कार्रवाई: दिखावटी या निर्णायक?
22 लाख की रिकवरी — सवाल: 100 करोड़ में ये आंकड़ा मज़ाक नहीं? एफआईआर प्रक्रिया शुरू — पर नाम अब तक गोपनीय क्यों? फॉरेंसिक जांच के आदेश — लेकिन क्या रिपोर्टें भी दबा दी जाएंगी?वरिष्ठ कोषाधिकारी रमेश सिंह ने खुद माना कि यह घोटाला “लगातार और सुनियोजित” था।क्या अब चलेगा बुलडोजर या फिर बैठेगा धूल? क्या योगी सरकार अपने बुलडोजर का इस्तेमाल इन घोटालेबाज़ों पर भी करेगी या फिर राजनीतिक रिश्तों के आगे मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा? क्या मोदी जी का नारा “ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा” अब भी जिंदा है, या फिर “खा लिया और बच भी गए” वाला सिस्टम चल रहा है? एक रिटायर्ड शिक्षक ने जन एक्सप्रेस से कहा हमने पूरी जिंदगी सेवा की, और अब हमारे नाम पर किसी ने करोड़ों उड़ाए इससे शर्मनाक और क्या होगा?”
CBI जांच की मांग तेज, कई बड़े नामों के बेनकाब होने की आशंका
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे ‘बड़े मगरमच्छों’ के शामिल होने की चर्चाएं तेज हो रही हैं। क्या सिर्फ दो बाबू ही दोषी हैं? क्या यह सत्ता के संरक्षण में चल रही लूट थी? कब होगी सख़्त कार्रवाई?जन एक्सप्रेस की खास मुहिम जारी — इस घोटाले के हर पहलू को उजागर करेंगे, हर परत खोलेंगे। अगली रिपोर्ट में लाएंगे: किन प्रॉपर्टियों में लगा ये काला धन? कौन हैं रियल एस्टेट कनेक्शन के असली मालिक?






