देश

मैं किसी भी मंच पर प्रधानमंत्री से बहस के लिए तैयार : राहुल गांधी

Listen to this article

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तीन चरण की वोटिंग हो चुकी है और बाकी बचे 4 चरणों के लिए मतदान होना अभी बाकी है. जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे नेताओं और राजनीतिक दलों की बयानबाजी भी तेज होती जा रही है. इसी चुनावी समर में दो पूर्व जजों और एक पत्रकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को डिबेट करने का न्योता दिया. इस न्योते को राहुल गांधी ने स्वीकार कर लिया है.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जस्टिस लोकुर, शाह और पत्रकार एन राम की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ डिबेट के न्योते को स्वीकार कर लिया है. वहीं, उन्होंने ये भी कहा कि वो पीएम मोदी को जानते हैं, वो उनके साथ डिबेट नहीं करेंगे. लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने कहा, “मैं 100% किसी भी मंच पर प्रधानमंत्री से ‘जनता के मुद्दों’ पर डिबेट करने को तैयार हूं, पर मैं उन्हें जानता हूं, वो 100% मुझसे डिबेट नहीं करेंगे.” राहुल गांधी यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि अगर पीएम मेरे साथ डिबेट नहीं करना चाहते हैं तो हमारी पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ डिबेट कर सकते हैं.

मैं 100% किसी भी मंच पर प्रधानमंत्री से ‘जनता के मुद्दों’ पर डिबेट करने को तैयार हूं,
प्रधानमंत्री मुझसे डिबेट नहीं करेंगे’

दरअसल, कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी से एक शख्स ने सवाल करते हुए कहा कि जजों ने प्रधानमंत्री और आपकी डिबेट को लेकर एक चिट्ठी लिखी है. उन लोगों ने आपको पीएम मोदी के साथ डिबेट करने के लिए न्योता दिया है तो क्या आप इसे स्वीकार करते हैं. इस पर राहुल गांधी ने कहा, “मैं 100 पर्सेंट किसी से भी डिबेट करने के लिए तैयार हूं. मगर मैं प्रधानमंत्री को जानता हूं, प्रधानमंत्री मुझसे डिबेट नहीं करेंगे.”

क्या है मामला?

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी लोकुर, हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एपी शाह और वरिष्ठ पत्रकार एन राम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सार्वजनिक बहस के लिए निमंत्रण पत्र भेजा था. इस चिट्ठी में लिखा कि जनता ने दोनों पक्षों की ओर से केवल आरोप और चुनौतियां ही सुनीं हैं मगर कोई सार्थक प्रतिक्रिया नहीं सुनी. आज की डिजिटल दुनिया में गलत सूचना, गलत बयानबाजी और हेरफेर की बहुत अधिक प्रवृत्ति है. चिट्ठी में दोनों पक्षों से न्योते को स्वीकार करने की अपील की गई.

 

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button