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रोड नहीं तो वोट नहीं: मिल्कीपुर के ग्रामीणों का लोकतांत्रिक विरोध

जन एक्सप्रेस/ज्योति जायसवाल/अयोध्या: मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में स्थानीय ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार करते हुए अपने गुस्से का इजहार किया। ग्रामसभा के पांच हजार की आबादी वाले कई मजरों को जोड़ने वाला एकमात्र रास्ता बदहाल स्थिति में है। आजादी के बाद से अब तक इस मार्ग को ठीक कराने के लिए ग्रामीण लगातार प्रयासरत रहे हैं, लेकिन उनकी मांगें अनसुनी रह गईं। सभी राजनीतिक दलों से गुहार लगाने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ, जिससे निराश होकर ग्रामीणों ने “रोड नहीं तो वोट नहीं” का नारा अपनाया।

राजनीतिक दल और प्रशासन पर दबाव
ग्रामीणों द्वारा चुनावी माहौल में लगाए गए इस बैनर ने राजनीतिक दलों और प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है। स्थानीय लोग वर्षों से इस समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन अब उन्होंने मतदान से दूरी बनाकर अपने अधिकारों की लड़ाई को मजबूती देने का निर्णय लिया है। इस बैनर के वायरल होने के बाद यह मुद्दा सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया है। अब सवाल उठता है कि क्या प्रशासन और राजनीतिक दल इस ओर ध्यान देंगे, या यह विरोध भी अनसुना रह जाएगा।

चुनाव आयोग के लिए नई चुनौती
चुनाव आयोग द्वारा शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने की मुहिम को इस बहिष्कार से झटका लग सकता है। ग्रामीणों का यह विरोध प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। अगर समय रहते समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो यह आंदोलन अन्य इलाकों में भी फैल सकता है। अब देखना यह होगा कि ग्रामीणों का यह कदम चुनावी माहौल में कितनी हलचल मचाता है और क्या राजनीतिक दलों या प्रशासन को उनके सामने झुकने पर मजबूर करता है।

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