
जन एक्सप्रेस, उत्तरकाशी | (चंद्रप्रकाश बहुगुणा): राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी में करीब डेढ़ वर्ष पूर्व करोड़ों की लागत से निर्मित आईटी लैब आज भी छात्रों के लिए बंद पड़ी है। कारण — कार्यदायी संस्था और विभाग की लापरवाही, जिसकी वजह से हैंडओवर प्रक्रिया आज तक अधूरी है।हाई-एंड सिस्टम, बैटरियां और आईटी संसाधन या तो क्षतिग्रस्त हो चुके हैं या चोरी हो गए हैं। लंबे समय तक उपयोग में न आने के कारण सिस्टम आउटडेटेड हो चुके हैं, जिससे नई शिक्षा नीति के तहत आवश्यक आईटी ट्रेनिंग पूरी तरह बाधित हो गई है।
छात्रों को जिस तकनीकी सुविधा से लाभ मिलना था, वो प्रशासनिक और विभागीय असंवेदनशीलता के कारण अधर में लटकी हुई है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए ॐ छात्र संगठन ने इस मुद्दे को उठाया और विभागीय तकनीकी टीम को कॉलेज बुलाकर लैब का निरीक्षण कराया।निरीक्षण में कई अधूरे कार्य और तकनीकी खामियां उजागर हुईं, जिसके बाद निर्देश दिए गए कि शेष कार्य जल्द पूरा कर लैब को छात्रों के लिए खोला जाए। साथ ही प्राचार्य व गठित कमेटी से भी आग्रह किया गया कि हैंडओवर प्रक्रिया शीघ्र पूरी कराई जाए।लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है। लैब के दरवाज़े अब भी बंद हैं।छात्रसंघ पदाधिकारियों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह के भीतर लैब छात्रों के लिए नहीं खोली गई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि “छात्र हितों से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”






