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वायुसेना दिवस पर पहली बार एयर शो में दिखा LCH हेलीकॉप्टर

हेलिकॉप्टर (LCH) ‘प्रचंड’ को इस वर्ष वायु सेना दिवस के मौके पर चंडीगढ़ के सुखना झील परिसर में हुए कार्यक्रम के फ्लाई पास्ट में शामिल किया गया। ये हेलिकॉप्टर रात को हमला करने में माहिर है। एक बार में लगातार इसकी उड़ान सवा तीन घंटे की हो सकती है। ये हेलिकॉप्टर मॉडर्न और लेटेस्ट एवियोनिक्स सिस्टम से युक्त है जिसकी मदद से दुश्मन छिपने में सक्षम नहीं होगा। ये दुश्मन के हमले से भी बच सकता है।

इस वर्ष ये वायु सेना का 90वां वायु सेना दिवस है। वायु सेना दिवस के मौके पर होने वाली परेड और एयर शो के जरिए वायु सेना के ताकतवर जहाजों को प्रस्तुत किया जाता है। इसके तहत आम लोग भी भारतीय वायु सेना की ताकत को देख पाते हैं और उनके बारे में विस्तार पूर्वक समझ पाते हैं।

खास है इस बार का कार्यक्रम
इस बार वायु सेना का कार्यक्रम पहली बार दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के बाहर चंडीगढ़ स्थित सुखना झील परिसर में हुआ। इस कार्यक्रम में खास फ्लाईपास्ट का आयोजन होगा जिसमें 83 एयरक्राफ्ट हिस्सा लिया। परेड में पहली बार लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर भी शामिल किए गए। इसके अलावा 44 फाइटर एयरक्राफ्ट, 20 हेलिकॉप्टर, 7 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और दो विंटेज एयरक्राफ्ट एरियल डिस्प्ले किया गया। दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान पर अब हिंडन एयर बेस के अलावा देश भर के हर हिस्से में लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से वायु सेना दिवस का आयोजन देश भर में किया जाएगा।

देख सकेंगे लड़ाकू विमान
इस परेड में खास एयर शो का भी आयोजन होता है जो आकर्षण का केंद्र है। ये एयर शो भारतीय वायु सेना की ताकत का प्रतीक है। इस एयर शो में इस वर्ष 6 मिग-29, 4 मिराज 2000 के, 4 राफेल, 3 सुखोई-30 एमकेआई, 3 मिग-21 बाइसन और 6 जगुआर देखने को मिलेंगे। एयर शो के दौरान विक फॉर्मेशन करते हुए सुखोई फाइटर जेट दिखें। इस कार्यक्रम में तेजस ने भी उड़ान भरी। हाल ही में भारतीय वायु सेना की ताकत बने तीन नए हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर भी दिखे।

ये विमान हैं भारतीय वायु सेना की ताकत
भारतीय वायु सेना के बेड़े में कई ताकतवर विमान शामिल है। इसमें सुखोई-30 एमकेआई, मिराज 2000, मिग-29, मिग 27, मिग-21 और जगुआर फाइटर जेट सबसे प्रमुख है। भारतीय वायुसेना के पास हर तरह के विमान, हेलीकॉप्टर, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट हैं जो हर परिस्थिति में उपयोगी साबित होते है। भारत के पास मआई-25/35, एमआई-26, एमआई-17, चेतक और चीता हेलिकॉप्टर है। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के तौर पर सी-130 जे, सी-17 ग्लोबमास्टर, आईएल-76, एए-32 और बोइंग 737 जैसे एयरक्राफ्ट शामिल है।

जानें भारतीय वायु सेना का इतिहास
भारतीय वायु सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के हिंडन स्थित हिंडन वायु सेना स्टेशन एशिया का सबसे बड़ा वायु सेना स्टेशन है। भारतीय वायु सेना का सिद्धांत ‘नभ: स्पृशं दीप्तम्’ है। इसका अर्थ है गर्व के साथ आकाश को छूना। बता दें कि भारतीय वायु सेना ने इस वाक्य को भगवत गीता के 11वें अध्याय से लिया है। इस वाक्य को भारतीय वायु सेना ने भारत के राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा अनुमोदित किए जाने के बाद 21 अप्रैल 1959 को शामिल किया था। भारतीय वायु सेना का रंग नीला, आसमानी नीला और सफेद है।

वर्ष 1933 में भरी पहली उड़ान
जानकारी के अनुसार भारतीय वायु सेना की स्थापना वर्ष 1932 में की गई थी। हालांकि इसकी पहली उड़ान एक अप्रैल 1933 को भरी गई थी। शुरुआती दौर में भारतीय वायु सेना में छह प्रशिक्षित अफसर और 19 हवाई सिपाही थे। शुरुआत में भारतीय वायु सेना ब्रिटिश वायु सेना के तौर पर काम करती थी।

इस मौके पर होते हैं खास कार्यक्रम
वायु सेना दिवस के मौके पर वायु सेना अपने खास विमानों और जवानों के करतब दिखाते हुए उनका प्रदर्शन करती है। इस मौके पर हर वर्ष शानदार परेड और एयरशो का आयोजन होता है, जिसे देखने के लिए लोगों में काफी उत्साह होता है।

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