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अदालत की कोई भी शर्त मानने को तैयार: मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली: दिल्ली शराब नीति मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (2 अप्रैल) को संजय सिंह को छह महीने बाद जमानत दी. इस मामले में आप के एक और नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी लगभग एक साल से जेल में बंद हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि जिस तरह से संजय सिंह जेल से बाहर आए हैं, वैसे ही सिसोदिया को भी जमानत मिल सकती है.

दरअसल, मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सिसोदिया की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील मोहित माथुर ने कहा कि उनके मुवक्किल जमानत के लिए योग्य हैं, क्योंकि उनकी वजह से सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ है. स्पेशल जज कावेरी बवेजा की पीठ के समक्ष सिसोदिया के वकील ने कहा कि किसी व्यक्ति को भी उनकी वजह से कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

मनीष सिसोदिया को हिरासत में रखने से पूरा नहीं होता कोई मकसद

सिसोदिया के वकील ने सुनवाई के दौरान दावा किया कि अभी तक ईडी ये साबित नहीं कर पाई है कि पूर्व डिप्टी सीएम तक कोई पैसा पहुंचा है. जांच को पूरा हुए 11 महीने का वक्त बीत चुका है. वकील ने कहा कि वह पिछले 13 महीनों से जेल में बंद हैं. उन्होंने इस दौरान अदालत के जरिए मिली किसी स्वतंत्रता का दुरुपयोग भी नहीं किया है. सुनवाई के दौरान सिसोदिया ने कहा कि मुझे जेल में अब और ज्यादा वक्त तक रखने से कोई मकसद पूरा नहीं हो रहा है.

अदालत की कोई भी शर्त मानने को तैयार: मनीष सिसोदिया

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके खिलाफ ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच पूरी हो चुकी है. मेरी तरफ से जांच में बाधा डालने या केस से जुड़े सबूत नष्ट करने की भी कोई संभावना नहीं है. उन्होंने जज से यह भी कहा कि अगर अदालत उन्हें जमानत देने का फैसला करती है तो वह कोर्ट के जरिए तय की गई किसी भी शर्त का पालन करने के लिए तैयार हैं. सिसोदिया की जमानत याचिका पर अब 6 अप्रैल को सुनवाई होने वाली है. वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं.

 

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