
जन एक्सप्रेस देहरादून। सुसवा नदी किनारे स्थित स्क्रीनिंग प्लांट में शनिवार को एक किशोरी का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिलने से हड़कंप मच गया। मृतक किशोरी कूड़ा बीनने गई थी और साथ आई अन्य किशोरियों के मुताबिक उसे प्लांट के कर्मचारियों ने पकड़कर एक कमरे में बंद कर दिया था। कुछ देर बाद जब पुलिस पहुंची, तो किशोरी मृत अवस्था में मिली। घटना की जानकारी फैलते ही स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों में आक्रोश फैल गया। पहले कोतवाली का घेराव किया गया, फिर डोईवाला चौक पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया गया। लोगों ने स्क्रीनिंग प्लांट को तत्काल सील करने और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।
क्या है पूरा मामला?
शनिवार सुबह करीब 11 बजे कुड़कावाला क्षेत्र की चार से पांच किशोरियां सुसवा नदी किनारे कबाड़ बीनने गई थीं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्लांट पर मौजूद कर्मचारियों के डराने पर कुछ किशोरियां भाग गईं, लेकिन एक किशोरी को कर्मचारियों ने पकड़ लिया और कथित रूप से एक कमरे में बंद कर दिया।कर्मचारियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। लेकिन जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो किशोरी मृत पाई गई। घटनास्थल और परिस्थितियों को देखते हुए लोगों ने आशंका जताई कि किशोरी के साथ अनहोनी हो सकती है।
स्थानीय लोगों और संगठनों में रोष
घटना के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता कोतवाली पहुंचे। यहां जोरदार नारेबाजी करते हुए उन्होंने दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की। इसके बाद प्रदर्शनकारी डोईवाला चौक पहुंचे और वहां चक्का जाम किया।प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह घटना लापरवाही नहीं बल्कि एक गम्भीर आपराधिक कृत्य है, जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
प्रशासन का पक्ष
सीओ संदीप सिंह नेगी ने बताया कि किशोरी के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि हो सकेगी। फिलहाल हर पहलू से जांच की जा रही है।किसी भी साक्ष्य को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। दोषी चाहे जो भी हो, बख्शा नहीं जाएगा।” – सीओ संदीप सिंह नेगी