लखनऊ आरटीओ दफ्तर के बाहर खुलेआम दलाली!
'विक्रम' नामक दलाल 2000 रुपए में बेच रहा सिस्टम, वायरल वीडियो ने खोली पोल

जन एक्सप्रेस/लखनऊ : लखनऊ के आरटीओ दफ्तर के बाहर इन दिनों ‘सिस्टम’ नहीं, बल्कि ‘दलाल’ बोलता है। वायरल हो रहे एक वीडियो ने परिवहन विभाग की कार्यशैली पर सीधा सवाल खड़ा कर दिया है, जिसमें एक व्यक्ति—विक्रम नाम का दलाल—खुद को दस्तावेज़ सत्यापन अधिकारी बताकर लोगों से दो-दो हजार रुपये वसूलता दिखाई दे रहा है।
आश्चर्य की बात ये है कि ये सबकुछ आरटीओ दफ्तर के मुख्य गेट के ठीक सामने हो रहा है, जहां एक आम नागरिक को लाइन में लगकर घंटों इंतजार करना पड़ता है, वहीं विक्रम जैसे दलाल चंद मिनटों में पैसे लेकर “काम करवा देने” का दावा करते हैं।
अब सवाल ये है कि आखिर ये खेल किसकी मिलीभगत से चल रहा है? क्या आरटीओ अफसर अंधे हैं या फिर मौन स्वीकृति दे चुके हैं? सरकारी तंत्र की नाक के नीचे, सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका ये वीडियो पूरे सिस्टम की सड़ांध उजागर कर रहा है।
जनता पूछ रही है :
- अगर वीडियो में दिख रहा विक्रम दलाल है, तो अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?
- आरटीओ परिसर में दलालों की एंट्री कैसे मुमकिन है?
- क्या परिवहन विभाग खुद इस वसूली का हिस्सा है?
प्रदेश की योगी सरकार शून्य सहनशीलता की नीति पर चलने का दावा करती है, लेकिन जब राजधानी में ही खुलेआम दलाली हो रही हो और अफसर चुप्पी साधे हों, तो सवाल उठना लाजिमी है।
अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस वायरल वीडियो का संज्ञान लेकर क्या कार्रवाई करते हैं।
जनता इंतजार कर रही है—सिर्फ जवाबों का नहीं, इंसाफ का।