कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने प्रदेश में कानून व्यवस्था को ध्वस्त बताया

देहरादून । उत्तराखंड में वामपंथी, कांग्रेस, परिवर्तन पार्टी जैसे विपक्षी दलों ने संयुक्त समन्वय समिति बनाकर राजनीति का नया अध्याय गढ़ा है। इन दलों ने कांग्रेस भवन में सोमवार को पत्रकार वार्ता कर राज्य की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
आरोप है कि भाजपा सरकार दमनकारी नीति अपनाते हुए, वन अधिकार कानून का साफ़ तौर पर उल्लंघन कर, भू कानून को ख़त्म कर, राज्य के संसाधनों को भू माफिया और पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर रख रही है।
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि वर्तमान स्थिति में सरकार की ओर से लोगों के हक़ों के हनन और संविधान के मूल्यों पर चोट किये जाने के खिलाफ समान विचारधारा वाले सभी धर्म निरपेक्ष दल आज सूबे में एक जुट हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि गत दिवस हुई सर्वदलीय बैठक में राज्य और जनता से जुड़े सराेकारों को लेकर महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। इसमें अहम निर्णय लिया गया कि हर महीने सर्वदलीय प्रेस वार्ता कर ज्वलंत मुद्दों को उठाया जायेगा।
वक्ताओं ने कहा कि तुष्टिकरण और ध्रुवीकरण के एजेंडे को छुपाने के लिए राज्य की धामी सरकार अतिक्रमण हटाने के नाम पर प्रदेश भर में गरीब जनता को बेघर कर रही है। उसको कभी लैंड जिहाद कभी मज़ार जिहाद का नाम दे कर सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है।
सीपीआई (एमएल) के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि वन अधिकार कानून 2006 के स्पष्ट प्रावधानों के तहत लोगों को अपने परंपरागत वनों, नदियों, रेत/ बजरी और उनके 2005 से पहले से अधिकार में रही ज़मीनों पर हक़ है, वही उत्तराखंड में इस कानून और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को दरकिनार कर लोगों को उजाड़ा जा रहा हे, जो कानूनन अपराध है। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के महासचिव नरेश नौडियाल ने कहा कि भू माफिया सरकार को मैनेज कर रहा है।
वक्ताओं ने घोषणा करते हुए कहा कि वह देश की बेटियों के सम्मान और न्याय को 23 मई 2023 को महिला उत्पीड़न के खिलाफ देहरादून स्थित गांधी पार्क में संयुक्त धरना प्रदर्शन करेंगे।