उत्तराखंड

उत्तराखंड की जेलों में बंद 140 पात्र कैदियों की जल्द रिहाई का आदेश

दो सप्ताह में गठित करना होगा सक्षम प्राधिकरण बोर्ड, वर्षों से रिहाई का इंतजार कर रहे कैदी

जन एक्सप्रेस उत्तराखंड: हाईकोर्ट ने राज्य की जेलों में बंद 140 पात्र कैदियों की रिहाई में हो रही देरी पर कड़ी नाराजगी जताई है। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए दो सप्ताह के भीतर एक सक्षम प्राधिकरण बोर्ड के गठन का आदेश दिया है, जो इन कैदियों की रिहाई पर विचार करेगा।

हाईकोर्ट को सौंपी गई सूची में कई कैदी वर्षों से कर रहे हैं रिहाई का इंतजार

सुनवाई के दौरान कोर्ट को दी गई रिपोर्ट में बताया गया कि ये 140 कैदी सरकार की नीति के तहत रिहाई के पात्र हैं, जिनमें से कुछ को 2019, 2020 और 2021 में ही रिहा किया जाना था। बावजूद इसके, वे अब तक जेल में हैं। कोर्ट ने इसे प्रशासन की घोर लापरवाही करार देते हुए कहा कि यह मानवाधिकारों का उल्लंघन और न्यायिक प्रक्रिया की उपेक्षा है।

व्यक्तिगत मामलों की शीघ्र समीक्षा और रिहाई की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और संबंधित प्राधिकरणों को यह भी निर्देश दिया कि इन सभी कैदियों के व्यक्तिगत मामलों की समीक्षा प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए। कोर्ट ने साफ किया कि राष्ट्रीय, राज्य और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पहले से प्रयासरत हैं, परंतु प्रशासन की निष्क्रियता के चलते रिहाई में अनुचित विलंब हो रहा है। यह आदेश कैदियों के प्रति न्यायपूर्ण रवैया सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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