नियमों में संशोधन को चुनौती, दया याचिका में देरी से SC परेशान

सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक के वीकली राउंड अप में इस सप्ताह कानूनी खबरों के लिहाज से काफी गहमा-गहमी वाला है। जहां एक आईटी नियमों में संशोधन को चुनौती देने वाली हाई कोर्ट ने याचिका पर केंद्र से हलफनामा दायर करने को कहा है। वहीं राहुल की याचिका पर सत्र अदालत 20 अप्रैल को फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट के कलीजियम ने रिटायर्ड जज को हाई कोर्ट का जस्टिस बनाने की सिफारिश की है। कर्नाटक में मुस्लिम रिजर्वेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। ऐसे में आज आपको सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक इस सप्ताह यानी 10 अप्रैल से 15 अप्रैल 2023 तक क्या कुछ हुआ। कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।
आईटी नियमों में संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र से जवाब
बंबई उच्च न्यायालय ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमावली में संशोधन को चुनौती देने वाली एक याचिका पर केंद्र से हलफनामा दायर करने को कहा है। सूचना प्रौद्योगिकी के नियमों में इस संशोधन से केंद्र को, सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ फर्जी खबरों की पहचान करने का अधिकार मिल जाता है। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमावली में संशोधन को चुनौती देने वाली यह याचिका ‘स्टैंड अप कॉमेडियन’ कुणाल कामरा की ने दाखिल की है। अदालत ने केंद्र को 19 अप्रैल तक अपना हलफनाम दायर करने का निर्देश दिया और कहा, ‘‘क्या कोई तथ्यात्मक पृष्ठभूमि या कारण था जिसके कारण यह संशोधन करना आवश्यक था?
राहुल की याचिका पर अदालत 20 अप्रैल को सुनाएगी फैसला
सत्र अदालत ने कहा कि ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर 20 अप्रैल को फैसला सुनाएगी। राहुल गांधी ने ठीक चार साल पहले एक चुनावी रैली के दौरान यह टिप्पणी की थी। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर.पी. मोगेरा ने कहा कि वह 20 अप्रैल को फैसला सुनाएंगे। सूरत में एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने 23 मार्च को कांग्रेस नेता को 2019 में एक चुनावी रैली के दौरान की गई उनकी टिप्पणी “सभी चोरों का मोदी उपनाम कैसे हो सकता है” के लिए उन्हें दोषी ठहराते हुए दो साल कैद की सजा सुनाई थी। सजा के बाद संसद सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराए गए गांधी ने फैसले के खिलाफ सत्र अदालत में अपील दायर की है।
दया याचिका में देरी से SC परेशान
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मौत की सजा का सामना कर रहे दोषी अपनी दया याचिकाओं पर फैसले में जरूरत से ज्यादा देरी का फायदा उठा रहे हैं। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकारों और संबंधित अधिकारियों को ऐसी याचिकाओं पर जल्द फैसला करने का निर्देश दिया है। पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत की ओर से अंतिम निष्कर्ष दिए जाने के बाद भी, दया याचिका पर फैसला करने में अत्यधिक देरी होने से मौत की सजा का मकसद नाकाम हो जाएगा। पीठ ने कहा, ‘इसलिए, राज्य सरकार या संबंधित अधिकारियों को सभी प्रयास करने चाहिए कि दया याचिकाओं पर जल्द से जल्द फैसला किया जाए।
रिटायर्ड जज को हाई कोर्ट का जस्टिस बनाने की सिफारिश
सुप्रीम कोर्ट के कलीजियम ने एक मिसाल कायम करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्ति के लिए एक रिटायर्ड जिला जज के नाम की सिफारिश की है। चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ अध्यक्षता वाले कलीजियम ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्ति के लिए रूपेश चंद्र वार्ष्णेय के नाम की सिफारिश की है। वह 28 सितंबर 1987 को जुडिशल सर्विस में शामिल हुए और हाई कोर्ट के जज के पद के लिए मध्य प्रदेश हायर जुडिशल सर्विस के एक सीनियर सदस्य हैं। इससे पहले, जस्टिस बहरुल इस्लाम (1980) और जस्टिस फातिमा बीवी (1989) को हाई कोर्ट के जज के रूप में रिटायर्ड होने के बाद शीर्ष अदालत का जज नियुक्त किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कर्नाटक में मुस्लिम रिजर्वेशन खत्म करना गलत
कर्नाटक सरकार के मुस्लिम ओबीसी रिजर्वेशन को खत्म करते हुए वोक्कालिगा और लिंगायत को दो-दो फीसदी रिजर्वेशन देने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पहली नजर में यह त्रुटिपूर्ण दिखता है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के. एम. जोसेफ की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सामने जो रेकॉर्ड पेश किया गया है उससे जाहिर होता है कि कर्नाटक सरकार का इस मामले में लिया गया फैसला गलत अवधारणा पर आधारित लगता है।