उत्तर प्रदेशब्रेकिंग न्यूज़

संभल को संभलने नहीं दे रही ‘राजनीति

संभल जाने की जिद पर सपा नेताओं को रोका, किया हाउस अरेस्ट

संतोष कुमार दीक्षित

राज्य मुख्यालय लखनऊ।जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान संभल में भड़की हिंसा धीरे-धीरे शांत हो रही है। हिंसा से पहले वाला समय भी धीरे-धीरे लौट रहा है, मगर ऐसा लगता है कि देश में हो रही राजनीति संभल को संभलने नहीं देना चाहती है। संभल हिंसा की आग में राजनीतिक रोटियां सेकने से राजनेता बाज नहीं आ रहे हैं। प्रदेश में मुख्य विपक्षी समाजवादी दल जहां संभल पीड़ित परिवारों को केंद्र सरकार से एक-एक करोड़ और योगी सरकार से 25-25 लाख रुपये मुआवजे की मांग पर अड़ी है। वहीं योगी सरकार के मंत्री संभल हिंसा को अंजाम देने वालों को सपाई बता रही है। आरोप-प्रत्यारोप के दौरान शनिवार को संभल जाने की तैयारी कर रहे सपा के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर दिया है। जिसके बाद नेताओं के बिगड़े बोल सामने आ रहे हैं।

सपा ने चला नया दांव

संभल हिंसा पीड़ितों से मिलने जा रहे सपा प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने शनिवार सुबह रोक लिया। कई नेताओं को हाउस अरेस्ट कर दिया गया। इस बीच मुख्य विपक्षी समाजवादी दल ने नया दांव चल दिया है। संभल जाने से रोकने पर पीड़ित परिवारों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है।

पूरा माजरा समझिए….

संभल हिंसा के पीड़ितों और मृतकों के परिजनों को सांत्वना देने के लिए समाजवादी पार्टी ने 15 सदस्यीय दल को भेजने का फैसला किया था। संभल रवाना होने से पहले शनिवार सुबह पुलिस ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को उनके घर पर ही हाउस अरेस्ट कर दिया। जिसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव भड़क उठे और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फ़साद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता।’

पुलिस ने रास्ते में रोका, थानों पर बैठाया: वीरा

सपा सांसद रुचि वीरा ने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुआ कहा कि हमारे प्रतिनिधिमंडल को रास्ते में रोक लिया। जिन सांसदों, विधायकों और जिलाध्यक्षों को संभल जाना था उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया। कई नेताओं को थाने में बैठाए रखा।

संभल के सभी दंगाई हैं सपाई: ब्रजेश पाठक

संभल हिंसा को लेकर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सपा पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि संभल दंगा को भड़काने वाले सारे लोग सपाई हैं। उनकी मानसिकता सपाई सोच को दर्शाती है। सपा को माफी मांगनी चाहिए। संभल के अपराधी सब समाजवादी पार्टी के लोग हैं। सपा का चाल, चरित्र, चेहरा उजागर हो गया। जो संभल के अपराधी हैं वही समाजवादी हैं।

आग को भड़काने की कोशिश में जुटी सपा : केशव प्रसाद मौर्य

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए समाजवार्दी पार्टी पर करारा हमला बोला था। जिसमें डिप्टी सीएम ने सपा के प्रतिनिधिमंडल को लेकर कहा था कि अखिलेश यादव का संभल में प्रतिनिधि मंडल भेजना मुस्लिमों के लिए हमदर्दी नहीं, बल्कि सपा के पक्ष में वोट बैंक साधने की नौटंकी है। साथ ही संभल हिंसा में बयानबाजी करके आग में घी डालने का प्रयास है। उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की जो करारी हार हुई है, उसे वे भुला नहीं पा रहे। समाजवादी पार्टी का संभल में प्रतिनिधिमंडल वोट बैंक साधने की राजनीति है।

सपा के प्रतिनिधिमंडल में ये नेता थे शामिल

सपा प्रतिनिधिमंडल में सपा नेता माता प्रसाद पांडेय, लाल बिहार यादव, श्याम लाल पाल, हरेंद्र मलिक, रुचि वीरा, इकरा हसन, जियाउर्रहमान बर्क, नीरय मौर्य, कमाल अख्तर, रविदास मेहरोत्रा, नवाब इकबाल महमूद, पिंकी सिंह यादव, अली अंसारी, जयवीर सिंह यादव और शिवचरण कश्यप थे।

क्यों भड़की थी संभल में हिंसा

हिंदू पक्ष ने संभल की शाही मस्जिद में मंदिर होने का दावा करते हुए सिविल कोर्ट में 19 नवंबर को मुकदमा किया था। दावा किया था कि साल 1529 में मुगल सम्राट बाबर के शासन के दौरान हरिहर मंदिर के खंडहरों पर बनाई गई थी। उन्होंने मस्जिद के सर्वेक्षण की मांग की थी। अदालत ने दावे की पुष्टि के लिए सर्वेक्षण के लिए एक वकील को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था। कोर्ट कमिश्नर के नेतृत्व में टीम ने 19 नवंबर को संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया, पुलिस अधीक्षक केके बिश्नोई और राज्य और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में मस्जिद का सर्वे कराया। इसके बाद टीम ने 24 नवंबर मस्जिद का दूसरा सर्वे किया गया इसी दौरान हिंसा भड़क गई और हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई। हालांकि प्रशासन ने चार लोगों के मौत की ही पुष्टि की है। पांचवें शख्स के स्वजनों ने बिना पोस्टमार्टम कराएं ही शव को दफना दिया था।

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