धौलपुर में क्षतिग्रस्त सडकों एवं जलभराव से हो रही परेशानी
धौलपुर । धौलपुर में बारिश का दौर थमने से लोगों को कुछ राहत मिली है। लेकिन अभी भी कई इलाकों में जलभराव तथा क्षतिग्रस्त सडकों से लोग परेशान हैं। कुछ इलाकों में तो हालात ऐसे हैं कि आवागमन प्रभावित होने के साथ-साथ सडक के बीच बने बडे गढढों में गिरकर लोग चोटिल हो रहे हैं। जिला कलक्टर श्रीनिधि बी टी ने रविवार को शहर का दौरा कर सडकों तथा जलभराव के हाल जाने। पुलिस अधीक्षक सुमित मेहरड़ा के साथ दौरे पर निकले जिला कलक्टर ने कई इलाकों में मौका निरीक्षण किया। इसके साथ ही जिला कलक्टर ने शहर में विभिन्न स्थानों पर जाकर क्षतिग्रस्त सड़कों एवं जलभराव की वास्तविक स्थिति का आंकलन भी किया।
जिला कलेक्टर एवं एसपी ने औडेला रोड़, राजाखेड़ा बाईपास, जीटी रोड़, वॉटरबर्क्स चौराहा, मचकुण्ड रोड़ प्रवेश द्वार, घण्टाघर, पुरानी नगर परिषद, रेलवे स्टेशन एवं पुराना जिला अस्पताल सहित कई स्थानों पर जाकर बारीकी से जलभराव एवं क्षतिग्रस्त सड़कों की स्थिति का आंकलन किया। उन्होंने संबंधित एजेंसियों, सार्वजनिक निर्माण विभाग, नगर परिषद को शीघ्रातिशीघ्र सड़कों की मरम्मत कराकर समस्या के समाधान हेतु निर्देशित किया। वहीं, सार्वजनिक निर्माण विभाग को ऐसी सड़कों, जिनमें गहरे गड्डे हुए हैं को प्राथमिकता से दुरूस्त कराने हेतु निर्देशित किया। ताकि किसी भी प्रकार की संभावित दुर्घटना को रोका जा सके। उन्होंने राजाखेडा बाईपास मार्ग पर चल रहे सड़क दुरूस्तीकरण कार्य का निरीक्षण करने पर कार्यकारी एजेंसी को गुणवत्तापूर्वक द्रुत गति से कार्य सम्पन्न कराये जाने हेतु निर्देश दिए। कलेक्टर ने उर्मिला सागर बांध पर ओवरफ्लो जल निकासी का मौका जायजा किया। उन्होंने अधीक्षण अभियन्ता जल संसाधन विभाग से बांध के वर्तमान जलस्तर, बांध में आने वाले जल प्रवाह, निर्गम जल प्रवाह सहित अन्य आवश्यक जानकारी प्राप्त की।
जलभराव वाले क्षेत्रों में क्लोरीनेशन एवं फॉगिंग के निर्देश
जिले में गत दिनों की अतिवृष्टि एवं अत्यधिक बारिश के कारण जिले के कई शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जल भराव की स्थिति उत्पन्न होने के कारण मौसमी बीमारियों एवं बाढ़ जनित विभिन्न रोंगों का प्रकोप बढने की सम्भावना को देखते हुए जिला कलक्टर एवं पदेन अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण श्रीनिधि बी टी ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को तत्काल चिकित्सा विभाग की टीमें गठित की जाकर जिले के विभिन्न बाढ़ प्रभावित एवं जलभराव वाले क्षेत्रों में एन्टीलार्वल गतिविधि, क्लोरीनेशन एवं फोगिंग आदि की कार्यवाही प्रतिदिन कराये जाने हेतु निर्देशित किया है।