निर्मल-अविरल माँ मंदाकिनी के लिए जन-जागरूकता अभियान
चित्रकूट में 24 से 26 मई तक चलेगा विशेष स्वच्छता कार्यक्रम

जन एक्सप्रेस चित्रकूट | विशेष संवाददाता:
प्रभु श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में बहने वाली पवित्र माँ मंदाकिनी नदी की निर्मलता एवं अविरलता बनाए रखने के उद्देश्य से दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा 24 से 26 मई 2025 तक एक विशेष जन-जागरूकता एवं स्वच्छता अभियान आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन स्थानीय साधु-संतों, समाजसेवी संस्थाओं और नागरिकों के सक्रिय सहयोग से किया जा रहा है।
नदी नहीं, आस्था की जीवनरेखा है माँ मंदाकिनी
माँ मंदाकिनी केवल एक नदी नहीं, बल्कि चित्रकूट की जीवनरेखा और श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहाँ हर वर्ष करोड़ों श्रद्धालु स्नान कर भगवान कामतानाथ जी की परिक्रमा करते हैं। यह नदी सती अनुसुइया आश्रम से निकलती है और चित्रकूट (म.प्र.) से होते हुए उत्तर प्रदेश के सरधुवा ग्राम के पास यमुना में मिलती है।
लेकिन आज यह नदी प्रदूषण और अविरल प्रवाह की बाधा के संकट से जूझ रही है।
प्रदूषण के मुख्य कारण:
प्लास्टिक, थर्मोकोल, साबुन-शैम्पू और पूजन सामग्री का अंधाधुंध प्रयोग
तीर्थयात्रियों द्वारा नदी में असावधानी से छोड़ी गई अपशिष्ट सामग्री
आसपास के क्षेत्रों में वृक्षों की कटाई और जलग्रहण क्षेत्र में कमी
इन प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति में होगा कार्यक्रम:
कैलाश विजयवर्गीय – नगरीय प्रशासन मंत्री, म.प्र.
तुलसीराम सिलावट – जल संसाधन मंत्री, म.प्र.
स्वतंत्र देव सिंह – जल शक्ति मंत्री, उ.प्र.
डॉ. मोहन नागर – उपाध्यक्ष, म.प्र. जन अभियान परिषद
अभय महाजन – राष्ट्रीय संगठन सचिव, दीनदयाल शोध संस्थान
चित्रकूटवासियों से अपील: बनें सहभागी, पाएं पुण्यफल
कार्यक्रम के माध्यम से नागरिकों से निम्नलिखित सुझावों को अपनाने की अपील की गई है:
सिंगल यूज़ प्लास्टिक का पूर्णतः बहिष्कार करें
प्रसाद वितरण में थर्मोकोल या प्लास्टिक की सामग्री न उपयोग करें
पत्तल-दोना जैसे प्राकृतिक विकल्पों का उपयोग करें
माँ मंदाकिनी में साबुन-शैम्पू का प्रयोग न करें
वृक्षारोपण करें और कम से कम 2-3 वर्षों तक देखभाल करें