रोडवेज से सेवानिवृत हो चुके कार्मिकों के सामने आर्थिक संकट, अपने परिलाभों को तरस रहे
बीकानेर । रोडवेज से सेवानिवृत हो चुके कार्मिकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। पूरी ईमानदारी और निष्ठा से ड््यूटी निभाने के बाद भी अपने परिलाभों को तरस रहे हैं। हालात से खफा सेवानिवृत कर्मचारियों ने आज बस स्टैण्ड पर एक बैठक रखकर रोष जताया। इसका संचालन करते हुए शाखा सचिव गिरधारीलाल ने कहा कि सर्दी, गर्मी, बरसात, कोरोना की परवाह किए बिना यात्रियों को अपने अपने गन्तव्य तक सुरिक्षत पहुंचाने, 8 से 14घंटे ड्यूटी करने के बावजूद रोडवेज प्रशासन ने परिलाभों के भुगतान नहीं किए।
प्रदेश सचिव देवीलाल नाई ने आक्रोश जताते हुए कहा कि माह जून के वेतन,पेंशन आज तक नहीं मिले हैं। अक्टूबर 2022(22 माह)से सेवानिवृत्त के विभिन्न भुगतान अब नहीं हो रहे हैं। कब होगा इसका कोई आसार नहीं है, ना ही कोई रोडमैप है। ऐसे तो रोडवेज पर आर्थिक भार और अधिक बढ़ता जाएगा।
अध्यक्ष हनुमंत मेहरा ने बताया कि स्थानीय समस्याओं के निवारण का ज्ञापन 15 मार्च को मुख्य प्रबंधक को दिया। चार माह बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। किशन सिंह चौहान ने बताया कि रोडवेज प्रबंधन आए दिन पेंशन नियमों का उल्लंघन,नियम विरुद्ध आदेश कर सेवानिवृत्तों को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसका विरोध किया जा रहा है। जाहिद हुसैन ने ओवर टाइम, सवैतनिक अवकाशों, साप्ताहिक विश्रामों के लंबे समय से बकाया भुगतान करने का मुद्दा उठाया।
सचिव ने मुख्यमंत्री से रोडवेज में व्याप्त भ्रष्टाचार और लचर व्यवस्था को दुरस्त करने और बकाया सभी परिलाभों का भुगतान करने की मांग रखी। बैठक को रामकुमार कुम्हार, सरदार सतनाम सिंह, रामेश्वर विश्नोई, घनश्याम शर्मा, लीलाकृष्ण ने विचार रखे।