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इंदिरा गांधी कला केन्द्र के वैदिक हेरिटेज पोर्टल का 23 मार्च को शाह करेंगे उद्घाटन

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नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह वैदिक हेरिटेज पोर्टल का राजधानी में 23 मार्च को लोकार्पण करेंगे। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) द्वारा विकसित किए जा रहे, इस पोर्टल का उद्देश्य हजारों वर्ष पुरानी वैदिक ज्ञान परंपरा से जुड़ी व्यापक सामग्री को साधारण व्यक्तियों से लेकर शोधार्थियों और विद्वानों तक के लिए सुलभ बनाना है।

आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ सच्चिदानंद जोशी ने शनिवार को यहां संस्था के 36वें स्थापना दिवस समारोहों की जानकारी देने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन मे बताया कि श्री शाह पूर्वाह्न् 11:30 बजे आयोजित विशेष कार्यक्रम में वैदिक हेरिटेज पोर्टल का अनावरण करेंगे, जो सभी के लिए सुलभ होगा। आईजीएनसीए के 36वें स्थापना दिवस समारोह 19 से 24 मार्च तक नयी दिल्ली और संस्था के नौ क्षेत्रीय केन्द्रों में आयोजित किये जा रहे हैं। दिल्ली में इस सिलसिले में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, प्रदर्शनी तथा परिचर्चाओं का एक बड़ा कार्यक्रम तैय़ार किया गया है।

डॉ जोशी ने कहा कि वैदिक हेरिटेज पोर्टल के उद्घाटन समारोह में देशभर से तीन सौ से चार सौ की संख्या में विद्वान और विद्यार्थी शामिल होंगे। उन्होंने कहा,“ यह अभी पायलट प्रोजेक्ट है। हम इस पर छह साल से काम कर रहे हैं और अब तक का काम बहुत संतोषजनक रहा है। ”
डॉ जोशी ने कहा, “ वेदों को जानने की उत्कंठा देश-विदेश में बढ़ी है। श्रुति और स्मृति परंपरा से पांच हजार साल से अधिक समय से जीवंत वैदिक ज्ञान परंपरा और वेदों का अध्ययन तथा अध्यापन में देश-विदेश में तमाम स्रोत, संस्थाएं और व्यक्ति जुड़े हैं।”

उन्होंने कहा कि इस परियोजना में आईजीएनसीए को देश-विदेश विभिन्न संस्थाओं, विश्वविद्यालयों और व्यक्तियों से मदद मिल रही है। उन्होंने बताया कि आईजीएनसीए के 36वें स्थापना दिवस समारोहों के दौरान भारत में 64 कलाओं पर एक वर्चुअल म्यूजियम का भी उद्घाटन किया जाएगा और इसका उद्देश्य देश की युवा पीढ़ी को अपनी प्राचीन परंपराओं से जोड़ना है।

आईजीएनसीए के स्थापना दिवस कार्यक्रमों का उद्घाटन रविवार को केन्द्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल करेंगे और समारोह में आईजीएनसीए के अध्यक्ष डॉ रामबहादुर राय और सदस्य सचिव डॉ सच्चिदानंद जोशी शामिल होंगे।

आईजीएनसीए कला दर्शन प्रभाग की प्रमुख डॉ ऋचा कम्बोज ने संस्था के 36वें स्थापना दिवस समारोह पर आयोजित कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए कहा कि पहले दिन रविवार को पूर्वाह्न 11 बजे ‘अंतरराष्ट्रीय फोटोग्राफी प्रदर्शनी’ का उद्घाटन ओ पी जैन करेंगे। इसके अलावा, शाम छह बजे ‘दिव्य विवाह’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसकी अवधारणा ऊषा आर के ने तैयार की है। दिव्य विवाह कार्यक्रम में शिव-पार्वती, राम-सीता, द्रौपदी-पांडव, कृष्ण-रुक्मिणी और अन्य पौराणिक विवाहों की कलात्मक प्रस्तुति की जाएगी।

डॉ कम्बोज ने बताया कि 20 मार्च सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजे कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर की स्थापत्य पर डॉ उज्ज्वल कोट परिचर्चा करेंगे और शाम छह बजे, तेलंगाना का प्राचीन नृत्य ‘पेरिनी रुद्र’ नटराज कलाकृष्ण नृत्य ज्योति अकादमी ‘वारंगल’ की टीम द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। शाम सात बजे ‘वायोलिन पर जुगलबंदी’ कलईमामणि पुरस्कार से सम्मानित डॉ एम ललिता और एम नंदिनी प्रस्तुति करेंगी। इसके अलावा, 21 मार्च मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे को ‘मिनी म्यूजियम’ कार्यक्रम का उद्घाटन अनुप्रयुक्त संग्रहालय विज्ञान के विद्यार्थियों द्वारा किया जाएगा, जिसके बाद, शाम चार बजे, दिल्ली में ‘दारा शिकोह के मकबरे की खोज’ पर व्याख्यान दिया जाएगा। शाम छह बजे भारती तिरुमगन समूह के द्वारा ‘तमिलनाडु वैद्य संगीत’ कार्यक्रम और शाम सात बजे, देवकी पंडित द्वारा ‘हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत’ की प्रस्तुति दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि 22 मार्च बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे से शाम 4:30 बजे के बीच में पहले सत्र में 11 बजे से शाम एक बजे तक ‘पांडुलिपियों के विशेष संदर्भ के साथ पारंपरिक ज्ञान संसाधनों से संबंधित कॉपीराइट मुद्दे’ पर नयी दिल्ली श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शिव शंकर मिश्रा, केन्द्रीय संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ श्रीनिवास वरखेड़ी और गुजरात के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी धवल पटेल संगोष्ठी पर परिचर्चा करेंगे। दूसरे सत्र में दो बजे से तीन बजे तक उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश गोपाल सुब्रह्मण्यम और प्रो रमेश सी. गौर इसी मुद्दे पर लोगों से संवाद करेंगे। इसी बीच, ‘किताब प्रदर्शनी’ आयोजित की जाएगी। इसके अलावा, तीन बजे डॉ चैतन्य अग्रवाल और डॉ मीना अग्रवाल ‘ऊर्जा युक्त जल’ पुस्तक लॉन्च पर सह चर्चा करेंगे। शाम छह बजे जॉयद्वीप मुखर्जी द्वारा ‘सरोद और सुरसिंगार’ वाद्य यंत्रों से मंच पर प्रस्तुति दी जाएगी। शाम सात बजे विदुषी कल्पना जोकरकर द्वारा ‘हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायक’ का आयोजन किया जाएगा।

डॉ कम्बोज ने बताया कि 23 मार्च गुरुवार शाम छह बजे ‘संस्कृति रंगमंच प्रदर्शन’ भागवत अजुक्किया द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा और शाम सात बजे ओडिशा की नृत्य कलाकार, शिक्षिका और निर्माता रीला होटा की टीम ‘नृत्य प्रदर्शन’ करेंगी।

उऩ्होंने बताया कि 24 मार्च को पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न दो बजे तक प्रोफेसर सीताराम द्वारा ‘वैदिक और सिंधु घाटी सभ्यता: एक भारतीय सभ्यता के दो पहलू’ पर परिचर्चा करेंगे। शाम छह बजे संजीव शंकर ‘शहनाई वादन’ के द्वारा लोगों के मन को प्रफुल्लित करेंगे। इसके अलावा, शाम सात बजे शंशाक सुब्रह्मण्यम ‘बांसुरी वादन’ के माध्यम से प्रस्तुति देंगे।

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