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पावन गंगा तट पर गूंजा योग का संदेश: स्वर्गाश्रम ट्रस्ट ने मनाया 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

वन अर्थ, वन हेल्थ’ थीम पर आधारित समारोह में 350 प्रतिभागियों ने लिया उत्साहपूर्वक भाग

जन एक्सप्रेस ऋषिकेश, 21 जून – अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर स्वर्गाश्रम ट्रस्ट द्वारा गंगा नदी के पावन किनारे एक भव्य योग समारोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन की थीम थी ‘योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वैश्विक दृष्टिकोण से प्रेरित है।सुबह के सूरज के साथ शुरू हुए इस योग सत्र में करीब 350 प्रतिभागियों ने पारंपरिक योगासनों और प्राणायाम में भाग लिया। इनमें स्वर्गाश्रम ट्रस्ट द्वारा संचालित संस्कृत विद्यालय और बाल विद्या निकेतन के लगभग 100 छात्र भी शामिल रहे। कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाने के लिए एसडीएम अनिल कुमार चनलियाल ने भी शिरकत की।

धार्मिक आस्था से जुड़ा आयोजन स्थल

इस वर्ष का आयोजन स्थल भी विशेष महत्व का रहा, क्योंकि यह स्थान भगवान राम के प्रायश्चित स्थल के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि रावण वध के बाद भगवान राम ने इस स्थल को आत्मशुद्धि के लिए चुना था, जहाँ देवी गंगा ने उन्हें दिव्य शांति का आशीर्वाद दिया।

प्रकृति और आध्यात्मिकता का अद्भुत समागम

गंगा की धारा के मध्य आयोजित इस योग सत्र के बाद प्रतिभागियों ने संस्कृति श्लोक, संकल्प पाठ और शांति मंत्रों के साथ वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। साथ ही, औषधीय गुणों वाले 100 पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया।

स्वर्गाश्रम: एक सदी पुरानी सेवा परंपरा

स्वर्गाश्रम की स्थापना 1906 में श्री रामभगत जी द्वारा की गई थी और 1938 में इसे श्री जुगल किशोर बिरला जी की अध्यक्षता में एक ट्रस्ट का स्वरूप मिला। यह आश्रम आज भी न केवल आध्यात्मिक साधना का केंद्र है, बल्कि आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सेवा, निःशुल्क शिक्षा, भोजन वितरण, और तीर्थ यात्रियों के लिए आवास जैसी चैरिटेबल गतिविधियों में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

योग: शरीर, मन और आत्मा का समन्वय

जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा था, “योग केवल व्यायाम नहीं, यह शरीर, मन, समाज और प्रकृति के बीच संतुलन का माध्यम है।” स्वर्गाश्रम ट्रस्ट इस संदेश को अपने सतत प्रयासों से पूरे विश्व में प्रसारित करने के लिए संकल्पित है।

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