
जन एक्सप्रेस/देहरादून(उत्तराखण्ड) : उत्तराखंड सरकार ने राज्य के श्रद्धा और आस्था के प्रमुख केंद्रों को शराब से पूरी तरह मुक्त करने की दिशा में अहम कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार ने मद्यनिषेध क्षेत्र का दायरा बढ़ाते हुए अब चारधाम और अन्य प्रमुख तीर्थस्थलों को भी इसके तहत शामिल कर लिया है।
अब केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के अलावा पूर्णागिरी, रीठा साहिब, हेमकुंड साहिब और नानकमत्ता में भी शराब की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। इन क्षेत्रों में शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी और सेवन पर भी सख्त रोक रहेगी।
हरिद्वार और ऋषिकेश में भी कसा शिकंजा
प्रमुख सचिव एल. एन. फैनई द्वारा जारी आदेश के अनुसार, हरिद्वार नगर निगम की पूर्व निर्धारित सीमा और पिरान कलियर के 1.8 किमी दायरे में शराब की दुकानें खोलना प्रतिबंधित रहेगा। ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र और वीरभद्र मंदिर के 2 किमी क्षेत्र में भी अब न केवल शराब बेचना बल्कि पीना भी अवैध होगा।
तीर्थ स्थलों की पवित्रता बनी रहे, सरकार का संकल्प
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय प्रदेश की सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक गरिमा को बनाए रखने के लिए लिया गया है। तीर्थस्थलों की पवित्रता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
पहले केवल शहरी क्षेत्र थे शामिल, अब पूरी परिधि में लागू होगा नियम
अब तक चारधाम और हरिद्वार-ऋषिकेश जैसे तीर्थस्थलों के केवल शहरी क्षेत्रों में मद्यनिषेध लागू था, लेकिन अब शासन ने संबंधित स्थलों की विस्तृत भौगोलिक सीमाओं को स्पष्ट कर इसे पूर्ण रूप से लागू करने का निर्णय लिया है।