ऑपरेशन सिंदूर कप पर वीआईपी विवाद
ग्रीन पार्क स्टेडियम में बीजेपी एमएलसी और आईपीएस अफसर के बीच तीखी नोकझोंक

जन एक्सप्रेस/कानपुर : ग्रीन पार्क स्टेडियम में आयोजित हो रहे ऑपरेशन सिंदूर कप क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान सोमवार को एक बड़ी प्रशासनिक तकरार सामने आई। कार्यक्रम के दौरान बीजेपी के एमएलसी अरुण पाठक और आईपीएस अधिकारी अंजलि विश्वकर्मा के बीच मंच पर ही तीखी नोकझोंक हो गई। इस घटना ने सुरक्षा प्रोटोकॉल और वीआईपी एंट्री व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या था पूरा मामला?
मामला उस समय गरमा गया जब एमएलसी अरुण पाठक के साथ आए गनर को स्टेडियम में प्रवेश से रोका गया। बताया जा रहा है कि सुरक्षा मानकों के चलते आईपीएस अधिकारी अंजलि विश्वकर्मा ने गनर की एंट्री पर आपत्ति जताई थी। इसी को लेकर दोनों के बीच मंच पर ही कहासुनी शुरू हो गई, जो देखते ही देखते तीखी बहस में बदल गई।
स्टेडियम में मौजूद दर्शक और आयोजक इस अप्रत्याशित टकराव से हैरान रह गए। कुछ लोगों ने पूरी घटना का वीडियो भी बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सुरक्षा बनाम सम्मान?
आईपीएस अधिकारी अंजलि विश्वकर्मा का तर्क था कि टूर्नामेंट के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं और गैर-जरूरी हथियारबंद व्यक्तियों की मौजूदगी से अनावश्यक तनाव और खतरा उत्पन्न हो सकता है। वहीं एमएलसी अरुण पाठक ने इसे “जन प्रतिनिधि के सम्मान” से जोड़ते हुए विरोध जताया।
राजनीतिक गर्मी भी बढ़ी
इस बहस ने सियासी रंग भी पकड़ लिया है। बीजेपी खेमे से जुड़े कुछ नेताओं ने प्रशासन के रवैये को “अभद्र और असंवेदनशील” बताया है, जबकि अफसरशाही में इसे “सुरक्षा नियमों का पालन” करार दिया गया है।
आयोजकों की सफाई
आपरेशन सिंदूर कप के आयोजकों ने स्थिति को संभालते हुए कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य सेना, पुलिस और आम नागरिकों के बीच सौहार्द बढ़ाना है और इस तरह की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने अपील की कि सभी पक्ष संयम बरतें ताकि खेल की भावना बनी रहे।
अब सवाल उठता है:
• क्या वीआईपी संस्कृति के चलते सुरक्षा प्रोटोकॉल को तोड़ा जाना चाहिए?
• क्या अफसरों को जनप्रतिनिधियों से सख्ती से निपटना चाहिए या सम्मानजनक संवाद बनाना चाहिए?
यह मामला सिर्फ एक बहस नहीं, बल्कि प्रशासन और राजनीति के टकराव की एक झलक है।