दो साल से टूटा राजामऊ पुल, हादसों को दे रहा न्योता! प्रशासन कब देगा ध्यान?

जन एक्सप्रेस/अमेठी : ठंडी रातों में जब सड़कें सूनसान होती हैं, तब बड़े ट्रक और भारी वाहन अंधेरे में अपनी राह तलाशते हैं। लेकिन मोहनगंज थाना क्षेत्र के राजा मऊ पुल तक आते ही उनकी रफ्तार थम जाती है, क्योंकि यह पुल पिछले दो साल से टूटा पड़ा है। नया पुल बनाने की कवायद अब तक शुरू नहीं हुई, और मजबूर वाहन चालक शॉर्टकट रास्तों से गुजरने को विवश हैं।
यही मजबूरी अब जिंदगी और मौत का खेल बन चुकी है।बीती रात गडे हरी पुल से एक ट्रक गुजरते समय अनियंत्रित हो गया। ड्राइवर ने किसी तरह संतुलन बनाया और बड़ा हादसा टल गया। लेकिन कुछ ही दिन पहले तिलोई पुल से एक ट्रक नहर में गिर चुका है। यह हादसे प्रशासन की सुस्ती को दर्शाते हैं, जो टूटी पुलिया और खस्ताहाल सड़कों को लेकर बेखबर बना बैठा है। राहगीरों के लिए न कोई पुल, न सुरक्षित रास्ता l पुल टूटने के बाद न तो नया पुल बना और न ही राहगीरों के लिए कोई वैकल्पिक मार्ग तैयार किया गया। ऐसे में स्थानीय लोग और वाहन चालक खतरनाक रास्तों से सफर करने को मजबूर हैं। दिनभर छोटे वाहन तो किसी तरह निकल जाते हैं, लेकिन रात के अंधेरे में भारी वाहनों के लिए यह रास्ता मौत के कुएं जैसा साबित हो रहा है।
राजा मऊ पुल का पुनर्निर्माण कब होगा? क्या प्रशासन वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था करेगा?लोक निर्माण विभाग की सुस्ती कब तक चलेगी?गांव वालों का कहना है कि अगर जल्द ही पुल का पुनर्निर्माण नहीं हुआ, तो एक दिन कोई बड़ा हादसा तय है। उन्होंने प्रशासन से अविलंब कार्रवाई की मांग की है। लेकिन सवाल यह है कि प्रशासन पहले से जागेगा या फिर किसी जानलेवा दुर्घटना के बाद कार्यवाही होगी?