रामलला के दर्शन आसान, लेकिन फाइलें नहीं! राज्यपाल के वार से हिली ब्यूरोक्रेसी

जन एक्सप्रेस, लखनऊ: रामलला के दर्शन तो हो जाते हैं, लेकिन सरकारी फाइलों के नहीं! — ये तीखा तंज किसी विपक्षी नेता का नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का है। अयोध्या में आयोजित सीएसआर कॉन्क्लेव-2025 में हिस्सा लेने पहुंचीं राज्यपाल ने अफसरशाही की सुस्त चाल पर खुलकर हमला बोला और कहा कि यूपी में फाइलें टेबल दर टेबल घूमती हैं, लेकिन मंजूरी नहीं मिलती।
राज्यपाल आनंदीबेन ने कहा, “पहली टेबल पर बैठा अफसर सारी कमियां निकाल दे, तो फाइल चार टेबल क्यों घूमे? अफसरों की यही सुस्ती विकास के सबसे बड़े रोडब्लॉक बन गई है।” उन्होंने आगे यह भी जोड़ा कि यह हाल सिर्फ यूपी का नहीं, पूरे देश का है, और सिस्टम में तुरंत सुधार की ज़रूरत है।
कॉन्क्लेव के दौरान राज्यपाल ने 70 नए आंगनबाड़ी भवनों का शिलान्यास भी किया और 1000 प्री-स्कूल किट्स प्रदान करने की योजना पर एमओयू साइन करवाया। लेकिन कार्यक्रम में उनके बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। विपक्ष इसे सरकार की कार्यशैली पर सवाल बता रहा है, जबकि प्रशासन अब सफाई की मुद्रा में दिख रहा है।राम मंदिर तो बन गया, अब सिस्टम की मरम्मत भी होनी चाहिए।” — एक स्थानीय टिप्पणीकार






