हमीरपुर के दो बिके विधायक खनन माफिया: सुक्खू
बड़सर । मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बड़सर के बिके हुए पूर्व विधायक की जुबान मीठी और दिल काला है। वह बिकने के बावजूद मीठी-मीठी बातें करते रहे। राज्यसभा चुनाव के दिन ब्रेकफास्ट और उससे पहले रात डिनर हमारे साथ किया, लेकिन वे अपना ईमान भाजपा के हाथ बेच चुके थे। उन्हें हमारा सम्मान नहीं, भाजपा का सामान से भरा ब्रीफकेस चाहिए था।
मुख्यमंत्री सुक्खू मंगलवार को चकमोह, बिझड़ी, महारल व धंगोटा में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार सतपाल रायजादा व विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवार सुभाष ढ़टवालिया के पक्ष में प्रचार के दौरान लोगों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो खनन माफिया हमीरपुर जिले के विधायक थे, अब बिककर भाजपा में जा चुके हैं। मैंने भू माफिया, खनन माफिया और नशा माफिया पर शिकंजा कसा, जिससे उन्हें बहुत तकलीफ हुई। उन्होंने कहा कि हमीरपुर जिले से मुख्यमंत्री होने के बावजूद बड़सर के विधायक ने धोखा किया, वह बेईमान हो गए। सरकार गिराने की साजिश रचने वालों के खिलाफ हमने एफआईआर दर्ज की है। जांच में पाया गया है कि एक-एक विधायक के कमरे का किराया 2-2 लाख रुपये दिया गया है।
सुक्खू ने कहा कि हमीरपुर जिला के तीन विधायक 15-15 करोड़ रुपये से अधिक में बिके हैं, उसमें से एक छोटा अटैची ही अंदर आया है, बाकी ब्रीफकेस अंदर नहीं आ रहे, हमने प्रदेश की सीमाएं सील की हैं, बिकाऊ विधायक बाकी अटैची के लिए तरसते रहेंगे। उन्होंने कहा कि लखनपाल की हर मांग मानी गई। सड़कों को चौड़ा करने के टेंडर तक हो चुके। राज्यसभा चुनाव में पूर्व विधायक इंद्रदत्त लखनपाल को टीम लीडर बनाया हुआ था कि कोई गड़बड़ी न हो, लेकिन उन्होंने शर्म बेच दी, बेशर्म हो गए। भाजपा ने इन्हें खरीदा, अब उन्हें गुलामी करनी पड़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़सर के लोगों व भाजपा कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि नई नवेली बिकाऊ दुल्हन के साथ न चलें, वह आपका घर भी उजाड़ देगी। बड़सर में मुख्यमंत्री के नाते मैंने 500 करोड़ के काम किये, फिर भी लखनपाल हमारे नहीं बने। इसलिए भाजपा कार्यकर्ता भी पार्टी विचारधारा से ऊपर उठकर मतदान करें और बिकाऊ विधायकों की जमानत जब्त करवाएं। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को चुनौती देने की बड़ी आदत पड़ गई है। उन्होंने पहली चुनौती ओपीएस को दी। विधानसभा में कहा कि ओपीएस चाहिए तो कर्मचारी विधानसभा का चुनाव लड़ लें। जयराम पांच साल चैन की नींद सोए रहे और प्रदेश का पूरा खजाना खाली कर दिया।