देवशयनी एकादशी से चातुर्मास हाेंगे शुरू
जयपुर । जुलाई महीने में 15 तारीख तक विवाह के केवल चार मुहूर्त ही शेष हैं, फिर देवशयनी एकादशी पर 17 जुलाई को मांगलिक कार्य चार माह के लिए थम जाएंगे। इससे पहले , 12, 13, 14 और 15 जुलाई को विवाह मुहूर्त रहेंगे। 15 को भड़ल्या नवमी का स्वयं सिद्ध या अबूझ मुहूर्त रहेगा, जो हर तरह के शुभ कार्य, कार्यारंभ के लिए श्रेष्ठ है। इस सावे के लिए अधिकांश सामुदायिक केन्द्र, धर्मशाला एवं मैरिज गार्डन बुक हैं।
शाहर के वरिष्ठ पंडिताें आैर ज्याेतिषाचार्य के अनुसार चार दिनों में 6 विवाह के मुहूर्त होने एवं बाद में 118 दिन मुहूर्त नहीं होने के कारण राजधानी में बड़ी संख्या में शादियां होगी। 16 जुलाई को रात में 8.34 मिनट से एकादशी तिथि शुरू हो जाएगी और अगले दिन यानी 17 जुलाई को रात में 9.03 मिनट तक रहेगी। उदय तिथि में एकादशी का तिथि 17 जुलाई को होने के कारण देवशयनी एकादशी का व्रत इसी दिन रखा जाएगा। श्रीहरि की योग निद्रा देवउठनी एकादशी पर 12 नवंबर को पूरी होगी। इसी के साथ मांगलिक कार्य वापस शुरू होंगे।
चातुर्मास में आएंगे बड़े पर्व-त्योहार
चातुर्मास काल में हरियाली अमावस्या, रक्षाबंधन, गणेश चतुर्थी, अनंत चतुर्दशी जैसे बड़े तीज-त्योहार आएंगे। भाद्रपद में श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार चतुर्मास आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक रहेगा। यह 17 जुलाई को शुरू होगा।