पर्याप्त संभावनाओं के बाद भी बिहार पिछड़ा राज्य की श्रेणी में शामिल: रूड़ी

मोतिहारी । ऐतिहासिक नगरी कई संभावनाओ के बावजूद विकास के मामले में पिछड़ा नजर आ रहा है। ये बातें मोतिहारी के कचहरी रोड स्थित नया ऑडिटोरियम में गैर राजनीतिक मंच विजन बिहार, एजेण्डा-2025 के आज आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता पूर्व केंद्रीय मंत्री सह सांसद राजीव प्रताप रुडी ने कही।
उन्होंने कहा कि केवल चंपारण ही नहीं पूरा बिहार ही पिछड़ा है। जबकि यहां कई संभावनाएं उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि प्रारंभ से शीर्ष तक बिहारी नजर आते है, कहीं कम पढ़े लिखे श्रमिक है तो उसी जगह इंजीनियर भी बिहारी है, कहीं किसी टीम का छोटा कामगार बिहारी है तो उस टीम का लीडर भी बिहारी है, कहीं किसी कार्यालय में आदेशपाल यदि बिहारी है। जबकि उसी दफ्तर का प्रशासनिक अधिकारी भी बिहार का ही निवासी है लेकिन फिर भी बिहार पिछड़ा है बिहार। यह सवाल आज सबको पूछने की जरूरत है।
बिहार ने लोकतंत्र, शिक्षा, राजनीति, धर्म एवं ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में देश को ही नहीं बल्कि दुनिया को मार्गदर्शन देने का कार्य किया है। रुडी ने सवालिया लहजे में पुछा कि देश-दुनिया का मार्गदर्शन करने वाला बिहार आज पिछड़ा क्यों है? इस दौरान उन्होने कई वीडियो क्लीप दिखाकर लोगों को बिहारियों की दशा और दुर्दशा को दर्शाया साथ ही इस दौरान उन्होने कई सर्वे रिपोर्ट,अमूमन नीति आयोग, मीडिया की रिपोर्ट का हवाला देते कहा कि बिहार में आज 52 प्रतिशत गरीबी है।यहां के चार करोड लोग रोजगार के लिए पलायन कर चुके है। ये सभी लोग मिलकर लगभग 3 लाख 36 हजार करोड़ रूपये बिहार में भेजते है, उचित माहौल हो जाये तो वे अपने राज्य में ही करोड़ो की आमदनी करते साथ ही रोजगार सृजन भी होता।
उन्होने कहा कि संसद में राज्य के बदहाली और पिछड़ेपन को लेकर कई बिन्दुओं पर ध्यानाकर्षण कराया, कहा कि जब बिहार पिछड़ा है तो यहां के लोगों को कैसे अगडे़ की श्रेणी में डाल दिया गया है।