उत्तर प्रदेशचित्रकूट

ममता संस्था के ‘प्रोजेक्ट जाग्रति’ में मातृ मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता

शिवरामपुर व रामनगर ब्लॉकों के गाँवों में सर्व जन स्वास्थ्य मन सत्र का आयोजन, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को बताया गया मानसिक स्वास्थ्य का महत्व

जन एक्सप्रेस ब्यूरो, चित्रकूट।ममता हेल्थ इंस्टिट्यूट फॉर मदर एंड चाइल्ड द्वारा संचालित ‘प्रोजेक्ट जाग्रति’ के तहत गाँव परर्सौजा, अमवा, रगौली व भभेट समेत शिवरामपुर और रामनगर ब्लॉकों में महिलाओं के लिए “सर्व जन स्वास्थ्य मन” सत्र का आयोजन किया गया। इन सत्रों में गर्भवती और धात्री (स्तनपान कराने वाली) महिलाओं को मातृ मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी विभिन्न पहलुओं पर जागरूक किया गया।

मातृत्व के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी ज़रूरी

कार्यक्रम की मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षिका ममता शर्मा ने सत्र के दौरान प्रसवकालीन मानसिक स्वास्थ्य विकारों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि कैसे प्रसवपूर्व या प्रसवोत्तर चिंता — जिसमें अत्यधिक भय, बेचैनी, नींद न आना और चिड़चिड़ापन शामिल है — एक माँ के जीवन को गहराई से प्रभावित कर सकती है।उन्होंने कहा कि, इस समय की गई मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल न केवल माँ की, बल्कि पूरे परिवार की भलाई के लिए ज़रूरी है।”

शिशु के साथ भावनात्मक बंधन भी प्रभावित होता है

सत्र में बताया गया कि प्रसवकालीन मानसिक स्वास्थ्य विकार मातृत्व अनुभव को तनावपूर्ण बना सकते हैं और माँ-शिशु के बीच भावनात्मक जुड़ाव को कमजोर कर सकते हैं। इससे पारिवारिक रिश्तों में भी खटास आ सकती है। ऐसे में प्रारंभिक हस्तक्षेप, सामाजिक सहयोग और स्व-देखभाल रणनीतियाँ इन समस्याओं से उबरने में मददगार साबित हो सकती हैं।

मिथकों और भ्रांतियों को भी किया दूर

ममता शर्मा ने आम जनमानस में मातृ मानसिक स्वास्थ्य को लेकर व्याप्त मिथकों और भ्रांतियों पर भी बात की। वीडियो प्रजेंटेशन और संवादात्मक सत्रों के ज़रिए उन्होंने इन मुद्दों को सरल और प्रभावी तरीके से समझाया, जिससे महिलाओं ने खुलकर भागीदारी की और सवाल पूछे। ग्रामीण महिलाओं में दिखा उत्साह, मिला समर्थन प्रोजेक्ट जाग्रति के तहत आयोजित इस जागरूकता अभियान को ग्रामीण महिलाओं और स्थानीय समुदायों ने भरपूर सराहा। कई महिलाओं ने पहली बार इस विषय पर जानकारी प्राप्त की और अपने अनुभव साझा किए। इस तरह के सत्र ग्रामीण क्षेत्रों में मातृ और शिशु स्वास्थ्य के प्रति नई सोच और समझ पैदा करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

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