Politicsनई दिल्लीः

DPDP एक्ट से RTI खत्म होने का खतरा: जयराम रमेश ने की कानून की समीक्षा की मांग

डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 में RTI को लेकर किया गया बड़ा संशोधन

जन एक्सप्रेस नई दिल्ली। डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट (DPDP), 2023 को लेकर कांग्रेस ने गंभीर चिंता जाहिर की है। पार्टी के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा है कि इस कानून की आखिरी दो पंक्तियों में किए गए संशोधन से RTI (सूचना का अधिकार) को कमजोर कर दिया गया है।उन्होंने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि इस अधिनियम को लागू करने से पहले इसकी पुनर्समीक्षा की जाए। रमेश का कहना है कि अगर यह कानून बिना संशोधन के लागू हुआ, तो RTI अधिनियम लगभग निष्क्रिय हो जाएगा।

क्या है विवाद का कारण?

डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 में कहा गया है कि व्यक्तिगत जानकारी अब RTI के दायरे में नहीं आएगी।जयराम रमेश का कहना है कि यह प्रावधान RTI के मूल सिद्धांतों — सूचना की पारदर्शिता और सरकारी जवाबदेही — पर सीधा हमला है।जयराम रमेश ने कहा, मैंने अश्विनी वैष्णव जी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि इस कानून को लागू करने से पहले इसकी समीक्षा करें। यदि ऐसा नहीं हुआ तो यह RTI को पूरी तरह से अप्रासंगिक बना देगा।”उन्होंने यह भी जोड़ा कि जिस RTI को 2005 में कांग्रेस सरकार ने लागू किया था, वह देश में जनता की ताकत बन चुकी है, और उसे कमजोर करना लोकतंत्र के खिलाफ कदम होगा। फिलहाल केंद्र सरकार या आईटी मंत्रालय की ओर से इस मुद्दे पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन विशेषज्ञों और नागरिक समाज संगठनों ने भी इस संशोधन को लेकर चिंता जताई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button