बेंगलुरु में लगता है भयंकर ट्रैफिक जाम
बेंगलुरु में हुई भारी बारिश के बाद बने बाढ़ के हालात ने पूरी दुनिया का ध्यान भारत की इस आईटी सिटी की ओर खींचा था क्योंकि बेंगलुरु को भारत की सिलिकॉन वैली भी कहा जाता है। देश की अधिकतर बड़ी आईटी कंपनियां और स्टार्टअप्स इसी शहर में हैं। सदा चकाचौंध रहने वाला यह शहर बाढ़ से ऐसा त्रस्त हुआ था कि बड़े बड़े सीईओ अपनी लग्जरी गाड़ियां छोड़ कर ट्रैक्टर की सवारी करने को मजबूर हो गये थे। सोशल मीडिया पर भी बेंगलुरु में बाढ़ के दृश्य सर्वाधिक चर्चा का विषय बने थे। ट्रैफिक जाम से परेशान रहने वाले बेंगलुरु शहर की सड़कों पर बाढ़ के पानी में तैरती गाड़ियां खूब मजाक का विषय और सरकार की किरकिरी का कारण बनी थीं।
कि बेंगलुरु के आसपास आबादी भी घनी होती जा रही है जिससे सड़कों पर भीड़ भी बढ़ती जा रही है। ऐसे में लोगों के मन में शंकाएं आना स्वाभाविक है कि यदि फिर से भारी बारिश आ गयी तब क्या होगा। लेकिन अब केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस समस्या को सुलझाने का फार्मूला बताते हुए कहा है कि केंद्र सरकार बेंगलुरु में सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने के लिए स्काईबस शुरू करने और फ्लाईओवर बनाने के बारे में सोच रही है।
गडकरी ने संवाददाताओं से कहा, “बेंगलुरु में मौजूदा सड़कों को चौड़ा करना मुश्किल है। इसलिए, हमने दो निर्णय लिए हैं। हम जमीन का अधिग्रहण नहीं करेंगे, लेकिन हम थ्री-डेक या ग्रेड सेपरेटर का निर्माण करेंगे, जैसा कि चेन्नई में किया गया था।” हम आपको बता दें कि वह कार्यक्रम ‘मंथन’ में हिस्सा लेने के लिए बेंगलुरु पहुंचे थे, जो सड़कों के बुनियादी ढांचे और गतिशीलता में सुधार पर आयोजित एक सत्र है। इस सत्र में केंद्र और राज्य के मंत्री तथा सरकारी अधिकारी शामिल हुए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम बिजली चालित सार्वजनिक परिवहन पर काम कर रहे हैं। तकनीक बहुत बदल गई है। बेंगलुरु में जमीन अधिग्रहण करना मुश्किल है। इसलिए, मैंने फिलीपीन और अन्य देशों की तरह स्काईबस के उपयोग का सुझाव दिया है।