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महाकुम्भ मेला क्षेत्र में भीड़ प्रबन्धन और संचार तंत्र को और बेहतर करने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने महाकुम्भनगर में अधिकारियों के साथ आगामी व्यवस्थाओं की समीक्षा की

जन एक्सप्रेस/ लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने आगामी गणतंत्र दिवस, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी के अवसर पर महाकुम्भ मेला क्षेत्र में भीड़ प्रबन्धन और संचार तंत्र को और बेहतर करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी के अवसर पर अमृत स्नान के दौरान पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए। भीड़ प्रबन्धन की दृष्टि से इन विशेष दिवसों पर पाण्टून पुल पर आवागमन वन-वे रखा जाए। मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी के अवसर पर पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किया जाए। श्रद्धालुओं की आस्था का पूरा सम्मान होना चाहिए। जिसे भी किसी प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो, व्यवस्था में लगे लोग आगे बढ़कर उसकी मदद करें।

मुख्यमंत्री आज महाकुम्भनगर में मेला क्षेत्र का भ्रमण करने के उपरान्त आई0आई0आई0सी0 सभागार में अधिकारियों के साथ आहूत एक बैठक में आगामी व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति , प्रधानमंत्री और केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री सहित अनेक गणमान्यजन का प्रयागराज में आगमन प्रस्तावित है। 22 जनवरी को प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक भी यहां होगी। इस सम्बन्ध में सभी आवश्यक तैयारियां समय से कर ली जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में मेला परिसर में लगभग डेढ़ करोड़ श्रद्धालु उपस्थित हैं। अब तक 07 करोड़ से अधिक लोग त्रिवेणी स्नान का पुण्य लाभ प्राप्त कर चुके हैं। पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति पर आस्था का जन समुद्र उमड़ा था, यह सुखद रहा कि हर आगंतुक श्रद्धालु संतुष्ट होकर यहां से गया। अब आगामी मौनी अमावस्या पर 08 से 10 करोड़ लोगों के आगमन का अनुमान है। इससे पहले गणतंत्र दिवस पर भी बड़ी संख्या में लोगों का आगमन होगा। ऐसे में लोगों की सुविधा और सुरक्षा के दृष्टिगत पुख्ता प्रबन्ध होने चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि बिजली और पेयजल की समुचित आपूर्ति हो। शौचालय और उसकी साफ-सफाई रहे। पाण्टून पुलों का अनुरक्षण हो। भीड़ के मूवमेण्ट की रणनीति के साथ ही, हर एक बिन्दु पर अच्छी तैयारी होनी चाहिए। यातायात प्रबन्धन/गाड़ियों की पार्किंग के बारे में लगातार प्रचार-प्रसार किया जाए।

मुख्यमंत्री ने मेला क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क को और बेहतर करने की भी जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि मीडिया और पुलिस हो या आम श्रद्धालु, मोबाइल नेटवर्क की जरूरत सभी को पड़ती है। मौनी अमावस्या के दृष्टिगत टावर क्षमता और कवरेज को और बेहतर किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रयास किया जाए कि मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी के अवसर पर, जो लोग जिस ओर से आ रहे हैं, वहीं के निकटस्थ घाट पर स्नान कर सकें। उन्होंने स्नानार्थियों को कम से कम पैदल चलने के लिए आवश्यकतानुसार प्रबन्ध के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री  ने रेलवे के अधिकारियों से संवाद करते हुए कहा कि सुव्यवस्था बनाने में रेलवे की बड़ी भूमिका है। मकर संक्रांति का अनुभव सभी ने किया है। स्नान के बाद श्रद्धालु अपने गंतव्य जाना चाहता है, इसलिए मेला स्पेशल ट्रेनें पूरे दिन चलायी जानी चाहिए। रूटीन गाड़ियों और मेला स्पेशल ट्रेनों के लिए अलग-अलग रेलवे स्टेशन हों, तो बेहतर होगा। रूटीन ट्रेनों को यथासम्भव निरस्त अथवा डाइवर्ट करके चलाना उचित होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे को आगामी 25 जनवरी से 05 फरवरी तक के लिए पूरी सतर्कता के साथ विशेष प्रबन्ध करने होंगे। ट्रेनों के आवागमन, प्लेटफॉर्म संख्या आदि के बारे में लगातार एनाउंसमेण्ट होता रहे। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि गाड़ियों के आवागमन के लिए एक बार घोषित प्लेटफॉर्म में बदलाव न हो। रेलवे अधिकारियों ने मुख्यमंत्री  को अवगत कराया कि मौनी अमावस्या पर 200 से अधिक मेला स्पेशल ट्रेनें चलाए जाने की तैयारी है। मुख्यमंत्री जी ने परिवहन निगम को शटल बसों की संख्या बढ़ाने और उनके लगातार संचालन के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री  ने विभिन्न सेक्टरों में अवस्थापना व अन्य बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रयागवाल से सम्बन्धित सेक्टरों में पेयजल आपूर्ति, शौचालय की व्यवस्था को बेहतर करने की जरूरत है। कल्पवासियों को कोई समस्या न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाए। डिजिटल खोया-पाया केन्द्र के सुचारु संचालन में स्थानीय संस्थाओं के साथ बेहतर समन्वय हो। मेला क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर अलाव जलाए जाएं, जिससे अधिक से अधिक श्रद्धालु इनका उपयोग सकें। उन्होंने घाटों की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने के साथ जल पुलिस, गंगा दूत को एक्टिव रहने के निर्देश दिए।

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