चित्रकूट कोषागार घोटाले में नया मोड़: मुख्य आरोपी की संदिग्ध मौत, CBI जांच की मांग तेज
इलाज के दौरान हुई मौत ने खड़े किए कई सवाल, जिला प्रशासन के अधिकारियों की भूमिका पर भी संदेह

जन एक्सप्रेस चित्रकूट: उत्तर प्रदेश – बहुचर्चित चित्रकूट कोषागार घोटाले में उस वक्त सनसनी फैल गई जब मुख्य आरोपी की इलाज के दौरान मौत हो गई। बताया जा रहा है कि यह मामला 100 करोड़ रुपये तक के घोटाले से जुड़ा हो सकता है, हालांकि प्रारंभिक अनुमान 44 करोड़ के इर्द-गिर्द भी लगाए जा रहे हैं।
फिल्मी कहानियों की तरह इस केस में भी अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह “इत्तेफ़ाक़” है या किसी “साजिश” का हिस्सा। CBI जांच की मांग अब तेज़ होती जा रही है, क्योंकि मृतक के संपर्क में रहे जिला प्रशासन के कुछ अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।आरोपी की मौत इलाज के दौरान, अस्पताल में हुई।पुलिस रिपोर्ट में मौत की वजह अस्पष्ट।पीड़ित पक्ष और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने CBI जांच की मांग उठाई।व्हाइट कॉलर अपराधियों की संलिप्तता की आशंका।केस से जुड़े वित्तीय दस्तावेज और लेन-देन भी जांच के घेरे में।स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि “जब भी किसी बड़े घोटाले की तह तक जाने की कोशिश होती है, तो मुख्य किरदार रहस्यमयी तरीके से गायब हो जाते हैं – या फिर उनकी मौत हो जाती है। यह एक गंभीर मामला है और निष्पक्ष जांच के बिना सच्चाई सामने नहीं आ सकती।”
- क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आरोपी की मौत संदेहास्पद परिस्थितियों में हुई है, तो यह केवल एक मेडिकल केस नहीं बल्कि साजिश का मामला हो सकता है। और ऐसी स्थिति में CBI जैसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच कराना न्याय की दिशा में अहम कदम होगा।






