देवउठनी एकादशी पर सांवलियाजी मंदिर में निकली शोभायात्रा
चित्तौड़गढ़ । जिले के मंडफिया कस्बे में स्थित प्रख्यात कृष्णधाम श्री सांवलियाजी मंदिर में देवउठनी एकादशी पर मंगलवार रात को शोभायात्रा निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनाथ पहुंचे। थाली एवं मांदल थाली की थाप पर श्रद्धालु झूम उठे। इस दौरान बैंडबाजों के साथ रथयात्रा निकली। इसमें चित्तौड़गढ़ जिले के अलावा बाहर से भी श्रद्धालु पहुंचे। शोभायात्रा का समापन नगर भ्रमण के बाद बुधवार तड़के हुआ।
जानकारी के अनुसार देवउठनी एकादशी पर हर वर्ष भगवान श्री सांवलिया सेठ मंदिर में शोभायात्रा निकाली जाती है। यह शोभायात्रा रात के समय निकलती है। ऐसे में मंगलवार को देवउठनी एकादशी पर पूरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनाथ पहुंचे। वहीं रात को सवा नौ बजे आरती खत्म हुई। पुरानी परंपरा के अनुसार रात करीब सवा दस बजे से भगवान को नगर भ्रमण के लिए ले जाने को लेकर तैयारियां शुरू हुई। भगवान के बाल विग्रह को मंदिर परिसर में ही रखे रजत बेवान में बिराजमान कराया। इसके साथ ही भगवान सांवलिया सेठ के जयकारे गूंज उठे। श्रद्धालुओं ने रजत बेवान को कंधे पर उठाया तथा गर्भ गृह के बाहर खड़े रजत रथ में स्थापित किया। इसके साथ ही भगवान सांवलिया सेठ के जयकारे गूंजने। रजत रथ को मंदिर से बाहर लाया गया, जिसे श्रद्धालुओं ने खींचा। मंदिर के बाहर भजनों पर तथा ढोलक व मांदल की थाप पर श्रद्धालु श्रद्धा से झूम उठे। इस दौरान मंदिर बोर्ड सदस्य अशोक शर्मा, संजय मंडोवरा, मंदिर प्रभारी राजेंद्र शर्मा, सहित कंवरलाल गुर्जर, नारायण लाल गुर्जर, अजय चौधरी, संजय दाधीच, सुरेश गुर्जर सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। शोभायात्रा मुख्य मंदिर से प्रारंभ हुई, जो वाहन गेट से हाथी थड़ा घाटी से कुम्हारों का मोहल्ला, नीमचौक गढ़िका देवरा, राधाकृष्ण मंदिर, शिव मंदिर होते हुए तड़के 4 बजे पुनः मंदिर में पहुंची। शोभायात्रा में जगह- जगह प्रसाद वितरण किया गया।
-पहली बार चांदी के रथ में देवउठनी एकादशी पर शोभायात्रा
जानकारी में सामने आया कि श्री सांवलियाजी का मेला जलझूलनी एकादशी को भरता है तथा इस दिन भगवान को रजत रथ में विराजमान कर सरोवर झूलने ले जाया जाता है। वहीं देवउठनी एकादशी पर अब तक लकड़ी के रथ में ही भगवान को नगर भ्रमण करवाया जा रहा था। गत दिनों ही गुजरात के श्रद्धालुओं ने भगवान सांवलिया सेठ को रजत रथ पालकी भेंट की थी। ऐसे में पहली बार देवउठनी एकादशी पर चांदी के रथ में भगवान को नगर भ्रमण करवाया। इस रथ को भी श्रद्धालुओं ने हाथों से खींचा। रथ खींचने को लेकर भी श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिला।